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22 दिसंबर 2011

देश में आरक्षण केवल धर्म आधारित और राष्ट्रपति ने आरक्षण से मुस्लिम धर्म को दूर रखते हुए केवल हिन्दू धर्म के लियें आरक्षण का सर्कुलर जारी किया

THE CONSTITUTION (SCHEDULED CASTES) 2[(UNION TERRITORIES)] ORDER 1951 CO. 32

In exercise of the powers conferred by clause (1) of article 341 of the Constitution of India, as amended by the Constitution (First Amendment) Act, 1951, the President is pleased to make the following Order, namely:-

1. This Order may be called the Constitution (Scheduled Castes) 2[(Union Territories)] Order, 1951.

2. Subject to the provisions of this Order, the castes, races or tribes or parts of, or groups within, castes or tribes, specified in 3[Parts I to III] of the Schedule to this Order shall, in relation to the 2[Union territories] to which those parts respectively relate, be deemed to be Scheduled Castes so far as regards members thereof resident in the localities specified in relation to them respectively in those Parts of that Schedule.

4[3. Notwithstanding anything contained in paragraph 2, no person who professes a religion different from the Hindu, 5[the Sikh or the Buddhist] religion shall be deemed to be a member of a Scheduled Caste.]

6[4- Any reference in this Order to a Union territory in Part I of the Schedule shall be construed as a reference to the territory constituted as a Union territory, as from the first day of November, 1956, any reference to a Union territory in Part II of the Schedule shall be construed as a reference to the territory constituted as a Union territory as from the first day of November, 1966 and any reference to a Union territory in Part III of the Schedule shall be construed as a reference to the territory constituted as a Union territory as from the day appointed under clause (A) of section 2 of the Goa, Daman and Diu Reorganisation Act, 1987.

दोस्तों हमारे देश में धर्म के आधार पर रियायतों और आरक्षण का खेल आज़ादी के तुरंत बाद से शुरू हो गया है सारा देश और संविधान विशेषग्य जानते है के भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है यहाँ जनता के साथ राजधर्म समान व्यवहार का है जाती और धर्म के आधार पर कोई आरक्षण या अतिरिक्त सुविधा का लाभ किसी को भी दिया जाना वर्जित है और भाजपा इस मामले में पुर जोर शब्दों में विरोध करती रही है के जातिगत या धार्मिक आधार पर आरक्षण की आलोचना की जाना चाहिए और ऐसा कोई भी आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए अभी हाल ही में मुस्लिमों को कथित तोर पर की गयी आरक्षण की घोषणा का भाजपा के नेताओं और खासकर सुप्रीम कोर्ट में वकालत का अनुभव रखने वाली श्रीमती सुषमा स्वराज ने कोंग्रेस द्वारा मुस्लिमों को धार्मिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण की खुली आलोचना की है बात भी सही है के यहाँ धर्म का आरक्षण से कोई सम्बन्ध नहीं होना चाहिए हमारे देश में आज़ादी के बाद सबसे पहले जब दिन हीं लोगों के उत्थान के लियें काका केलकर आयोग ने सर्वे किया तो उन्होंने पाया के भारत में कपड़ें बुनने का व्यसाय करने वाले ..कपड़े धोने और रंगने वाले ..मिरासी ....सफाई करने वाले .मानस का व्यवसाय करने वाले ......चमड़े का व्यवसाय करने वाले और कई कर्मकार पिछड़े हुए है जिन्हें उत्थान के लियें विशेष पैकेज की जरूरत है तब विशिष्ठ लोगों को आरक्षण दिया गया लेकिन कोंग्रेस के इस शासन काल में संविधान की भावना के विपरीत गली निकल कर जो सर्कुलर निकाला गया उसमे केवल हिन्दू धर्म के लोगों के लियें ही आरक्षण था जो बाद में सिक्ख और बुद्धिस्ट के लियें भी क्या गया अब जनाब यह आरक्षण अगर धर्म के आधार पर नहीं होता केवल हिन्दुओं के लियें नहीं होता तो इस आरक्षण में कपड़ा बुनने वाले कोली समाज के लोगों के साथ अंसारी और जुलाहा समाज के लोग होते ..खटिक समाज के साथ कसाई होते ..धोबी और र्न्ग्रेस होते चमड़े का व्यवसाय करने वाले होते मिरासी होते हेला होते और भी कई काम करने वाले मुस्लिम लोग इस आरक्षण का लाभ उठाते लेकिन भाजपा सही कहती है के धर्म निरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए लेकिन अब तक आज़ादी के बाद से इतने सालों तक धर्म के नाम पर मुस्लिम आरक्षित कर्मकारों के साथ जो भेदभाव अत्याचार अनाचार हुआ है क्या उसे सूद सहित लोटाया जा सकेगा ......क्या मुस्लिम कोंग्रेसी इस सर्कुलर को संशोधित करा कर इसे सभी लोगों सभी धर्मों यानी भारतियों के लियें लागू करवाएंगे अरे कोंग्रेस तो दोगली निति वाली है भाजपा तो जो कहती है वोह करती है और वोह तो धर्म की राजनीति के खिलाफ है तो क्या सुषमा जी अडवानी जी सभी भाजपा नेता मिलकर आरक्षण केवल हिन्दुओं के लियें वाला सर्कुलर धर्म आधारित होने के कारण आरक्षण सभी भारतीयों के लियें करवा सकेंगे .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. कांग्रेस ने आज तक सिर्फ ओर सिर्फ वोट बैंक की राजनीती की है और अब भी वह कोई ऐसा मौका नहीं छोडती|
    आरक्षण धर्म व जाति के हिसाब से नहीं देना चाहिए जो दे रखा है उसे भी अब खत्म कर देना चाहिए|
    और आर्थिक आधार पर सिर्फ शिक्षा में आरक्षण या गरीब को फ्री शिक्षा देनी चाहिए जिससे वह कुछ भी पाने लायक हो जाए|
    गरीबी कभी धर्म या जाति देखकर नहीं आती तो आरक्षण इस आधार पर क्यों ??

    Gyan Darpan
    .

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  2. रतन सिंह जी भाईसाहब आप आगे बढो इस लड़ाई में हर कदम पर हम आपके साथ खड़े मिलेंगे ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    जवाब देंहटाएं

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