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22 दिसंबर 2011

अमेरिका ने खुद को माना पाकिस्तान का गुनहगार



काबुल. अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सेना ने स्वीकार किया है कि पिछले महीने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पाक चौकियों पर हुई नाटो की गोलीबारी में 24 पाक सैनिकों के मारे जाने की घटना अमेरिकी सैन्य कमांडरों की गंभीर गलती का नतीजा थी। 25 नवंबर को हुई इस घटना की एक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और अमेरिकी सैन्य कमांडरों के बीच अपर्याप्त को ऑर्डिनेशन और नाटो द्वारा पाक सैन्य अधिकारियों को गलत नक्शा दिए जाना ही सीमा पर हुई इस भयानक भूल के मुख्य कारण थे। इस घटना के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं।

गुरुवार को जारी बयान में पेंटागन ने कहा, 'पाक-अमेरिकी सेना के बीच समन्वय में कमी और नाटो द्वारा गलत नक्शा उपलब्ध कराया जाना घटना के प्रमुख कारण है। इन भूलों के साथ ही दोनों देशों के बीच सेना की तैनाती संबंधी जानकारी की कमी इस दुखद घटना का कारण बनी।' पाकिस्तान सैनिकों की मौत के प्रति दुख जाहिर करते हुए पेंटागन ने अपने बयान में कहा, सैनिकों की मौत और घटना का कारण रहे पाक और अमेरिकी सेना के बीच कमजोर समन्वय के लिए हम गहरा दुख प्रकट करते हैं।

वॉशिंगटन में एक पत्रकार वार्ता में घटना की जांच कर रहे एयर फोर्स ब्रिगेडियर जनरल क्लॉर्क ने पाकिस्तान के इस दावे पर कि जिन चौकियों पर एसी 130 गनशिप और अपाचे हेलीकॉप्टरों ने बमबारी की वो अमेरिका और नाटो सेना के पास उपलब्ध नक्शे में प्रमुख्ता से दर्शाई गई थी, पर सवाल उठाए। जब अफगानिस्तान में मौजूद कमांड को पाकिस्तान से यह संदेश प्राप्त हुआ कि सीमा पर उसकी चौकियों पर हमला किया जा रहा है तो अमेरिकी कमांड ने पाकिस्तान को हमले के बारे में सिर्फ ऊपरी जानकारी ही उपलब्ध कराई। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी थी। लेकिन पाकिस्तान को उपलब्ध कराई गई मूल जानकारी ही गलत थी क्योंकि अमेरिका ने जानकारी देते वक्त गलत नक्शे का इस्तेमाल किया था। क्लॉर्क ने कहा, 'घटना की जांच में पाकिस्तान का शामिल न होना दर्शाता है कि जांच में कुछ मूल कमियां हैं। किसी भी घटना में दो हमेशा दो पक्ष होते हैं और यदि पाकिस्तान जांच में शामिल हो पाता तो जांच सही दिशा में जाती और ठोस नतीजे निकल पाते।' क्लॉर्क ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान सेना द्वारा आयोजित की गईं कई सार्वजनिक बैठकों पर गौर नहीं किया क्योंकि उन्होंने घटना पर पाकिस्तानियों के बयानों के संबंध में आई मीडिया रिपोर्टों पर समय खर्च नहीं किया

नाटो की कार्रवाई में 24 पाकिस्तानियों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से माफी मांगने के लिए कहा था लेकिन अमेरिका लगातार यह कहता रहा है कि वह तब तक माफी नहीं मांगेगा जब तक घटना से जुड़े तमाम तथ्य साफ नहीं हो जाएंगे। पेंटागन का घटना पर दुख प्रकट करना माफी मांगने जितना ही है। अमेरिकी डिफेंस सचिव लिओन पनेटा के प्रवक्ता और नेवी कैप्टेन जॉन किर्बी ने कहा कि अब घटना में मारे गए 24 पाकिस्तानी सैनिकों के परिजनों को मुआवजा देने की पेशकश करेगा। किर्बी ने कहा कि पनेटा को सोमवार को इस रिपोर्ट के संबंध में जानकारी दे दी गई थी।

पेंटागन के अधिकारियों ने यह भी कहा था कि ज्वांइट चीफ ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन जनरल मार्टिन डिम्सी और सेंट्रल कमांड के मुखिया जनरल जेम्स एन मैटिस ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी को फोन करके नतीजों के सार्वजनिक किए जाने संबंधी जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को जब पाक चाहे तब इन नतीजों पर स्पष्टीकरण देने का प्रस्ताव दिया है।


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