आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

30 दिसंबर 2011

में तो पुराना हूँ

में तो पुराना हूँ
हाँ
तेरे लियें
में तो पुराना हूँ
पल दो पल या फिर कल
चला जाऊँगा ॥
फिर नया आयेगा
तेरा क्या
तू तो मुझे
भूलकर
उसके साथ हो जाएगा
हाँ मुझे भूल जाना ही
तेरे लियें ठीक रहेगा
कुछ मुझ में रही हो अगर मधुरता मिठास
तभी तू मुझे करना याद
अगर रही हो मुझे कडवाहट ..परेशानियाँ
तो जनाब भूल जाना मुझे
मेरा क्या में तो गुज़रा कल हूँ
इतिहास समझो तो तुम्हे सूधारने काम आऊंगा
कल समझो तो याद नहीं आऊंगा
बस तुम्हे क्या कहूँ ।
तुम्हारा क्या
तुम तो हर बार इन दिनों
नये के इन्तिज़ार में जश्न मनाते हो
एक में ही हूँ
जिसे जाता हुआ देख कर भी तुम मुझे रोक नहीं पाते हो
खेर कोई बात नहीं जो हे साथ तुम्हारे जो आ रहा है साथ तुम्हारे
खुदा करे तुम्हे वोह सब दे जो में न दे सका
खुशिया..अपनापन..रोज़गार.हिम्मत इन्साफ प्यार दुलार भाईचारा सद्भावना
हाँ धन दोलत का क्या वोह तो तुम्हे मिल ही जाएगा
दोलत शोहरत का क्या वोह तो तुम्हे मिल ही जाएगा
लेकिन में जो गया तो फिर वापस नहीं आऊंगा
इसलिए कहता हूँ कुछ ऐसा तो कर डालो
के यादगार बनुन में तुम्हारे लियें
लोग कहें के मेरे काल में मेरे वक्त में
हाँ मेरे वक्त में अपने यह क्या था आपने वोह क्या था ..... नया साल मुबारक हो जनाब .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...