शुक्रवार को इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है। ऐसे में इसे अवैध माना जाए और शादी को किसी तरह से स्वीकार नहीं किया जाए।
अम्बाला पुलिस की तरफ से कहा गया कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। दोनों महिलाओं की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उनके परिवार वाले उनकी शादी के खिलाफ हैं। इसी सिलसिले में उन्हें मारने के लिए परिवार वालों ने कांट्रेक्ट पर हत्यारों से संपर्क भी किया।
याचिका में मांग की गई कि उनके जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा के सवाल पर हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि याचियों को अधिकार है कि वे अपनी सुरक्षा की मांग करें लेकिन उनकी शादी को सही नहीं ठहराया जा सकता। दोनों महिलाओं की तरफ से याचिका में कहा गया कि वे अपने पति से अलग रह रही हैं। तीन साल पहले उनकी दोस्ती हुई जो प्यार में तबदील हो गई। बीते एक साल से वे दोनों पति पत्नी की तरह रह रही हैं। परिवार वालों को उनका यह रिश्ता मंजूर नहीं है और उन्हें मरवाने की कोशिशें की जा रही हैं।
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