नई दिल्ली. रणनीतिक असमंजस के बीच तकनीकी कारणों का हवाला देकर सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में लोकपाल पेश नहीं किया। अब गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा कराने के बाद सरकार के गले की फांस बने इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास होगा।
केंद्र सरकार के रणनीतिकार बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए ममता बनर्जी को मनाने में जुटे रहे। प्रणब मुखर्जी ने तृणमूल नेताओं से बात की। बुधवार सुबह ही संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल की तृणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बनर्जी से बात हुई। शाम होते होते तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने प्रणब मुखर्जी से मिलकर गुरुवार को राज्यसभा में लोकपाल विधेयक में राज्यों के लोकायुक्त मसले पर संशोधन पेश करने का अपना इरादा जाहिर कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि ममता इस बात से नाराज थीं कि तृणमूल सांसदों ने इस मसले पर सरकार का लोकसभा में साथ दिया। तृणमूल ने साफ किया है कि वह अपना संशोधन राज्यसभा में जरूर पेश करेगी। सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने भी पांच संशोधन पेश करने की मंशा जाहिर की है।
लोकसभा में लोकपाल विधेयक को संवैधानिक दर्जा दिलाने के मसले पर झटका खाने का असर बुधवार को सत्ताधारी खेमे में देखने को मिला। राज्यसभा में गुरुवार को एजेंडे में शामिल किए गए लोकपाल विधेयक को पारित कराने की तैयारियों में सरकार के पसीने छूटे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में बुधवार को गैरहाजिर रहे सांसदों की सूची मांगकर सरकार के रणनीतिकारों की परेशानी बढ़ा दी। संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि वे ऐसे सांसदों को कारण बताओ नोटिस भेज रहे हैं। कांग्रेस के करीब 13 सदस्य लोकसभा में मतदान के दौरान अनुपस्थित थे। विपक्ष भी आक्रामक लोकसभा में सरकार के घिरने के बाद राज्यसभा में विपक्ष भी आक्रामक मुद्रा में है।
लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को भाजपा नेता अरुण जेटली से मिलकर राज्यसभा में लोकपाल पर समर्थन के लिए मन टटोला। इसके बावजूद भाजपा लोकसभा में पेश किए गए अपने संशोधनों को राज्यसभा में भी पेश करने को तैयार है। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से लोकायुक्तों का मसला राज्यों पर छोडऩे के लिए धारा 252 को शामिल करने, सीबीआई की स्वायत्तता समेत 21 संशोधन पेश किए जा सकते हैं। वामदल भी संशोधनों के बहाने सरकार को घेरने के लिए फिर से तैयार हैं। लेफ्ट ने कहा है कि वह लोकसभा में पेश किए गए अपने संशोधन दुबारा पेश करेगी।
सरकार को उम्मीद सरकार करीब 114 सांसदों के समर्थन का दावा करके विधेयक पारित हो जाने का भरोसा जता रही है। वहीं विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार है। सरकार को भरोसा है कि सपा, बसपा और राजद को मिलाकर कुल 27 सदस्य राज्यसभा में वाकआउट कर सकते हैं। बचे 216 सदस्यों में से 114 सदस्यों के समर्थन के साथ उसे विधेयक पारित होने की आस है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 दिसंबर 2011
ममता ने बढ़ाया मनमोहन का सिरदर्द
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