तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 दिसंबर 2011
भाई अतुल कनक साहित्यकार को हार्दिक बधाई
भाई अतुल कनक जी आप जिस पुरस्कार के हकदार थे वोह आपकी साहित्यक सर्जना और महनत लगन समर्पण के बल पर आपको मिला है लेकिन हमारी दुआएं भी इसमें साथ है इसलियें हमारी तरफ से आपको आपके परिवार को मित्रों को सभी साहित्य प्रेमियों को मुबारकबाद और इस उम्मीद के साथ के हमारे भाई अतुल कनक राष्ट्रिय स्तर पर ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व भर में देश के तिरंगे को लहराए और इंशा अल्लाह अब यह दिन दूर नहीं ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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