पं. संतोष शर्मा का कहना है कि एक साथ ये तीनों शुभ योग होने से श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा। इस शुभ पर्व पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो कि सूर्य का ही नक्षत्र है। इस मकर संक्रांति पर सूर्य अपने नक्षत्र में रहकर ही राशि बदलेगा और मकर राशि में आ जाएगा। इस पर्व पर तीन शुभ योग और सूर्य के अपने ही नक्षत्र में होने के साथ ही रविवार भी रहेगा जो कि सूर्य देव का ही दिन रहेगा। यह संयोग अद्वितीय माना जा रहा है।
क्या फल देते हैं ये तीन शुभ योग
अमृत सिद्धि योग : इस शुभ योग में किए गए किसी भी काम का पूरा फल मिलता है। इस शुभ योग में शुरू किए गए काम का फल लंबे समय तक बना रहता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग : ज्योतिष के अनुसार इस योग में कोई भी काम करने से हर काम पूरा होता है। समस्त कार्य सिद्धि के लिए और शुभ फल प्राप्त करने के लिए यह योग शुभ माना जाता है। इस योग में खरीददारी करने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस योग में खरीददारी करने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। रवि योग : यह योग हर काम का पूरा फल देने वाला है। इस योग को अशुभ फल नष्ट कर के शुभ फल देने वाला माना जाता है। इस योग में दान कर्म करना उचित माना जाता है। ये योग शासकीय और राजकीय कार्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं
कब और कितने बजे कैसा रहेगा सूर्य
ज्योतिष के जानकारों ने बताया है कि सूर्य मकर संक्रांति के दिन विभिन्न चरणों में प्रभावकारी रहेगा। 14 जनवरी की रात को सूर्य 12.58 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा और 15 जनवरी की सुबह 7.14 बजे सूर्योदय से स्नान दान के लिए पुण्यकाल शुरू होगा, जो शाम 4.58 बजे तक रहेगा।
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