इस पेन से कुरआन की पूरी 114 सूरतें दुनिया की 23 प्रमुख भाषाओं में सुनी जा सकती हैं। मलेशिया के एक इस्लामी संगठन अकेडियन ने पेन को इस्तेमाल करने की स्वीकृति दे दी है
रांची विवि के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष्य शाहिद हसन ने कहा कि पवित्र कुरआन पर हजारों वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे हैं। कुरआन रीड पेन का इस्तेमाल काफी आसान है। यह इस्लाम के अनुयायियों के लिए उपयोगी है। इस्लाम के वास्तविक रूप को गहराई से समझने और जानने वालों के लिए भी यह पेन अच्छा माध्यम बन सकता है। इसके अलावा इससे अरबी भाषा भी सीखी जा सकती है।
रांची इमाम ईदगाह के मौलाना असगर मिसबाही ने कहा कि पवित्र कुरआन की पहली आयत जब अवतरित हुई, तो उसका पहला शब्द था, इकरा अर्थात पढ़ो। दुनिया में यह किताब अकीदत के साथ पढ़ी जा रही है। इस पवित्र ग्रंथ के सभी अक्षर और शब्द उसी रूप में सुरक्षित हैं। करोड़ों हाफिज हैं, जिन्हें कुरआन कंठस्थ है। पेन का बजा इस्तेमाल हो।
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