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26 दिसंबर 2011

'जनता अपनी पर आ गई तो घर से नहीं निकल पाएंगे डॉक्टर'



उदयपुर.सरकार की ओर से सख्त रुख अख्तियार किए जाने के बावजूद डॉक्टरों का रुख नरम नहीं पड़ा। वे छठे दिन भी सोमवार को हड़ताल पर रहे। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल से कानून व्यवस्था बिगड़ने की पूरी आशंका है। उन्होंने कहा-अगर जनता ने कानून हाथ में ले लिया तो डॉक्टरों का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें डॉक्टरों की भी चिंता है, उनके साथ कोई अप्रिय घटना न हो।

इसलिए डॉक्टरों को हड़ताल छोड़कर काम पर लौट जाना चाहिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर में एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह आशंका जताई। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टरों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं तो उन्हें चाहिए कि वो काली पट्टी बांधकर विरोध करें या कोई और तरीका अपनाएं, लेकिन हड़ताल का यह तरीका गलत है। गौरतलब है कि सरकार ने रविवार देर रात 2 सीएमएचओ व 10 पीएमओ को बर्खास्त कर दिया था।

जयपुर के लिए: बच्चे की मौत मामले में सीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

रविवार को लोसल निवासी 13 वर्षीय शाकिर की मौत के मामले में सीएमओ कार्यालय ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी संबंधित निजी अस्पतालों में पहुंचे और पूरी रिपोर्ट ली गई। साथ ही एसके अस्पताल के पीएमओ डॉ जीडी नाटाणी ने भी अस्पताल में उसके आने से लेकर निजी अस्पताल में रैफर किए जाने तक की रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर धर्मेंद्र भटनागर को सौंपी है। उधर, सीकर में रेस्मा के तहत पुलिस ने सामूहिक अवकाश पर चल रहे डॉक्टरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश तेज कर दी है।

सोमवार को एसके अस्पताल के सर्जन डॉ जितेंद्र कचौलिया को गिरफ्तार कर लिया है। जिले में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। मरीज परेशान हैं। एसके अस्पताल के ब्लड बैंक में रखे 174 यूनिट ब्लड में 16 यूनिट अवधिपार हो चुका है, जिसे अलग से निकाल कर रख दिया है। जयपुर से गिरफ्तार किए गए आठ डॉक्टरों को सीकर एवं सात डॉक्टरों को झुंझुनूं जेल में लाया गया है। चूरू में पहले से न्यायिक हिरासत में चल रहे चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ अभिनव सरीन की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

8 और मरे, अब तक 59 की मौत, 425 डॉक्टर अब तक गिरफ्तार।

क्या यह शपथ भूल गए डॉक्टर

चिकित्सा पेशे से जुड़े लोग पिछले 2400 साल से हिपोक्रैटिक ऑथ लेते रहे हैं। हर डॉक्टर दवा लिखने से पहले आरएक्स लिखकर इसी शपथ को दुहराता है : मैं अपोलो, पीड़ा हरने वाले, आंसुओं को पोंछने वाले, तत्काल निरोगी करने वाले और रामबाण औषधि सृजित करने वाले की शपथ लेता हूं कि अपनी संपूर्ण क्षमताओं के साथ रोगी के कष्ट हरने के लिए तत्पर रहूंगा।

मैं जिस किसी भी घर में प्रवेश करता हूं, या कोई मेरे पास आता है तो इसका मकसद मेरे रोगियों की भलाई ही होगी। मैं शपथ लेता हूं कि मैं अपने आपको सभी तरह की दुरेच्छाओं से दूर रखूंगा और कभी किसी रोगी का बुरा न तो सोचूंगा और न ही, जहां तक मेरा सामथ्र्य है, होने दूंगा।

और क्या बोले मुख्यमंत्री

डाक्टरों की अधिकतर मांगें मान ली गई हैं। इसके बावजूद वे हड़ताल कर रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है।

डाक्टरों का हड़ताल करना अमानवीय और उनके पेशे के भी खिलाफ है।

प्रशासनिक पदों पर आसीन डॉक्टरों ने अन्य डॉक्टरों को भड़काने का काम किया, इसलिए उन्हें बर्खास्त किया गया।

हड़ताल से गांव, कस्बे और शहरों में बीमार तकलीफ पा रहे हैं और लोगों की जानें जा रही हैं।

एनआरएचएम कर्मियों की हड़ताल खत्म

आठ दिन से हड़ताल पर चल रहे 18 हजार एनआरएचएम कर्मियों ने रविवार को हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी। वे मंगलवार से काम पर लौटेंगे। चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा के साथ बैठक में मांगों पर सैद्धांतिक सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया।

बैठक के दौरान चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है और सभी माने जाने योग्य मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक फैसला कर रही है। राजस्थान एनआरएचएम कर्मचारी महासंघ के प्रवक्ता ने भी हड़ताल समाप्त करने की पुष्टि की।

समझौता वार्ता में मिशन निदेशक गायत्री राठौड़, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) बी.के. दोसी, परियोजना निदेशक बी. एस. बांकावत और संविदा कर्मियों की ओर से डॉ. एच.एस. गौरा, देवाराम चौधरी, अजय पूनिया, सुनिल सैन, हेमपाल सिंह जादौन, मनफूल पुनिया, मुकेश खंडेलवाल, विकास वैष्णव, डॉ. रिड़ मल सिंह राठौड़ और उमाशंकर गोचर मौजूद थे।

इन पर बनी सहमति :

- संविदा नर्सिग कर्मियों और अन्य वर्गो के लिए पर्याप्त पद सृजित करने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे जाएंगे।

- पद सृजित होते ही सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर विज्ञप्ति जारी की जाएगी। इसमें आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर एनआरएचएम कर्मियों को 20 प्रतिशत बोनस अंक दिए जाएंगे। फार्मासिस्टों को भी 10 के स्थान पर 20 प्रतिशत बोनस अंक दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए संशोधित विज्ञप्ति जारी की जाएगी।

- मध्यप्रदेश और बिहार में एनआरएचएम कर्मियों को दिए जा रहे मानदेय व्यवस्था का अध्ययन कर राजस्थान में भी मानदेय बढ़ाने के प्रावधान किए जाएंगे।

- संविदा कर्मियों के काम मूल्यांकन के लिए जारी आदेश दिनांक 28 नवंबर, 2011 का पुन: परीक्षण कर सरलीकरण किया जाएगा।

- आयुष डॉक्टरों का दिनांक 18 अक्टूबर, 2010 को जारी पत्र का फिर से परीक्षण करवा कर दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। इस पत्र पर कार्रवाई तुरंत प्रभाव से रोक दी जाएगी।

- हड़ताल पर गए कर्मियों के 27 दिसंबर, 2012 तक काम पर लौट आने की दशा में 19 से 26 दिसंबर, 2011 तक की अवधि का आकस्मिक अवकाश मंजूर किया जाएगा। जिनके खाते में आकस्मिक अवकाश बाकी नहीं है, उनके अवैतनिक अवकाश माने जाएंगे।

डॉक्टर और मरीज के परिजनों में नोक-झोंक

बालोतरा (बाड़मेर) के नाहटा अस्पताल में सोमवार को एक प्रसूता को लेकर पहुंचे परिजनों की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि अग्रवाल (बाएं) से झड़प हो गई। वहीं इस महिला डॉक्टर के पति भी बैठे थे। नोक-झोंक बढ़ी तो वे भी बीच में बोले। इस पर प्रसूता के परिजनों ने उनका कॉलर पकड़ लिया।

डॉक्टरों को दूध नहीं देंगे गुर्जर

कोटा दुग्ध विक्रेता संघ व राजस्थान गुर्जर महासभा ने घोषणा की है कि आगामी १२ घंटे में डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म नहीं की तो वे उन्हें दूध की सप्लाई नहीं करेंगे।

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