खास बात यह भी है कि इसके निर्माण में सीमेंट और लोहे के स्थान पर चूना, गुड़ और बेल के गूदे का उपयोग किया जाएगा। वर्ष 2006 में मंदिर के शिलान्यास के बाद से रोजाना यहां भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना होती है।
110 फीट लंबाई
109 फीट ऊंचाई
60 फीट चौड़ाई
शिक्षा व संस्कार भी
सामुदायिक भवन भोजनालय: 10000 वर्ग फीट
पुजारियों के लिए आवास : 45 हजार वर्गफीट
विद्यालय : संस्कृत शिक्षा, ज्योतिष और व्याकरण
छात्रावास : सौ बालक और सौ बालिका (दो मंजिला)
संत आवास : सौ बिस्तरों वाला
कोचिंग केंद्र : पीएससी, आईएएस और आईपीएस
अस्पताल : एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी
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