बताया गया कि स्वास्थ्य केंद्र में जचकी के दौरान बच्चे के साथ प्लेसेंटा का पूरा हिस्सा नहीं निकल पाया था। नर्स ने बच्चे की नाभी से लगेप्लेसेंटा की नली बीच से ही काट दी। इसी दौरान दो कैंचिया महिला के गर्भाशय में रह गई। डब्बू श्रीवास ने बताया कि बच्चे के होने के बाद नर्स ने धनबाई की तबीयत बिगड़ने का कारण प्लेसेंटा के पूरी तरह से नहीं निकल पाने को बताया था। रात लगभग 2 बजे उन्हें रायपुर जाने को कहा गया।
उन्होंने बताया कि प्लेसेंटा नहीं निकलने की जानकारी निजी नर्सिग होम के डाक्टर को दी गई। वहां इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद महिला के गर्भाशय से प्लेसेंटा के साथ दो कैंचियां भी बाहर निकलीं। डब्बू श्रीवास ने पंडरिया के डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है।
संजीवनी का काम सही :आधी रात को धनबाई की तबियत बिगड़ने पर तुरंत संजीवनी एंबुलेंस सेवा को बुलाया गया। फोन करने के बाद 15 मिनट बाद ही एंबुलेंस पहुंच गई थी। संजीवनी एक्सप्रेस से ही महिला को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।
जान का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार इस लापरवाही से महिला की जान भी जा सकती थी। क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था पर कई सवाल हैं। इससे पहले भी कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
गर्भाशय में कैंची जाना डाक्टरों की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। मामले की जांच सीएमएचओ से कराई जाएगी। दोषी नर्स और डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- मुकेश बंसल, कलेक्टर
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