रिया नोवोस्ती संवाद समिति ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल आइगोर कोनाशेनकोव के हवाले से बताया कि रूस के पश्चिमोत्तर तट के पास श्वेत सागर में एक पनडुब्बी से बुलावा नाम के इन प्रक्षेपाणों का परीक्षण किया गया है और पूरी प्रक्रिया योजना के मुताबिक संचालित हुई। मिसाइल ने प्रशान्त महासागर में कामचात्का प्रायद्वीप में अपने-अपने निशानों पर अचूक वार किया। यह इस श्रृंखला का चौथा सफल परीक्षण है।
रूस ने वर्ष 2005 से अब तक कुल 18 बुलावा मिसाइलों का परीक्षण किया है जिनमें से 11 सफल रहीं हैं। सबसे अंत में जिन मिसाइलों का परीक्षण किया गया है वे कम से कम 8000 किलोमीटर की दूरी का सफर तय करके दुश्मन के ठिकाने को नेस्तनाबूद करने में सक्षम हैं साथ ही वे कई तरह के वॉरहेड को ले जाने की भी क्षमता रखती हैं और अलग-अलग लक्ष्यों को भेद सकती हैं।
बुलावा मिसाइलें सोवियत संघ के जमाने की मिसाइलों का स्थान लेंगी। पुरानी होने तथा अमेरिका के साथ समझौते के कारण रूस पुरानी मिसाइलों को हटा रहा है। बुलावा मिसाइलों को मेस या एसएस-एनएक्स-30 नाम से भी जाना जाता है।
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