मेरी कब्र के
फूल चुनकर भी
तुम्हे तसल्ली ना हुई
एक में हूँ
के जिंदगी में
यूँ ही
कांटो को
गले लगाया करता था
आज मरने के बाद भी
देख लो
मेरी कब्र पर
लोगों ने केक्ट्स उगाये हैं ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 दिसंबर 2011
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कैक्टस में भी फूल होते हैं वे भी बला के खूबसूरत। यूँ गुलाब भी बिना काँटों के नहीं होता।
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