आपका-अख्तर खान

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02 दिसंबर 2011

मेरी कब्र पर

मेरी कब्र के
फूल चुनकर भी
तुम्हे तसल्ली ना हुई
एक में हूँ
के जिंदगी में
यूँ ही
कांटो को
गले लगाया करता था
आज मरने के बाद भी
देख लो
मेरी कब्र पर
लोगों ने केक्ट्स उगाये हैं ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. कैक्टस में भी फूल होते हैं वे भी बला के खूबसूरत। यूँ गुलाब भी बिना काँटों के नहीं होता।

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