आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 दिसंबर 2011

जेसे प्यास से तडपते

देख लो
तुम खुद देख लो
हम है
केसे बदनसीब
इस जहां में ॥
तेरे पास होकर भी
ऐसे खड़े हैं
जेसे प्यास से तडपते
कोई खड़ा हो
समन्दर के पास ........ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...