आश्चर्य की बात यह है कि सबसे ज्यादा महिलाओं को ये भुगतना पड़ता है। अगर मरने वाला व्यक्ति शक्तिशाली है तो उन्हें लगता है कि उसकी आत्मा को शांत करने के लिए ऐसा करना पड़ेगा। वहां और भी कई विचित्र प्रथाएं प्रचलित हैं। अंगुलियों को काटने से पहले आधे घंटे तक कसकर बांधा जाता है। कटी हुई अंगुलियों को जलाकर उनकी राख कुछ खास स्थानों पर दफन की जाती है।
वे कहते हैं कि शारीरिक दर्द महसूस करने के बाद आदमी अपने प्रियजन को खोने का दर्द जाहिर कर सकता है। परिवार का ही सदस्य जैसे माता, पिता या फिर भाई-बहन अंगुलियां काटते हैं। एक और प्रथा है जिसमें मां बच्चे की छोटी अंगुली का अग्र भाग अपने दांतों से काटती है।
एक समय था जब वहां महामारी के कारण नवजात शिशुओं की मौत बहुत होती थी। ऐसे में यह प्रथा शुरू हुई थी। उन्हें लगता था कि ऐसा करने से बच्चे की उम्र बढ़ जाएगी। पिछले कुछ सालों से ऐसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। फिर भी वहां बहुत-सी बुजुर्ग महिलाएं देखा जा सकता है, जिनकी पांचों अंगुलियां नहीं हैं।
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