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27 दिसंबर 2011

विश्व की सबसे बढ़ी लोकतांत्रिक पार्टी है इंडियन नेशनल कोंग्रेस ...विश्व की एक अकेली पार्टी जिसके नेता देश के लियें शहीद हुए

जी हाँ दोस्तों कल इंडियन नेशनल कोंग्रेस यानी भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस का एक सो पच्चीसवा जनम दिवस है ...२८ दिसम्बर १८८५ को अंग्रेजी हुकूमत के एक अधिकारी एलान ओक्तिवोन्न ने यानी ऐ औ ह्युम ने भारतियों द्वारा अंग्रेजी हुकूमत के साथ शिक्षा और अन्य राजनितिक मामलों पर चर्चा के लियें गठन किया था ..कोंग्रेस के गठन के वक्त ऐ औ ह्युम के दिल में अंग्रेजी हुकूमत से भारतियों को बचाने की सोच थी और इसी सोच की वजह थी की इसकी बुनियाद कलकत्ता यूनिवर्सिटी में उन्होंने १८८३ को लिखे एक पत्र में लिख दी थी .उनके साथ दादा भाई नेरोबी वोमेश चंद भे थे पहले मई १८८५ को इन्डियन नेशनल यूनियन बनाई गयी फिर १२ अक्तूबर को इस संगठन पर विशाल चर्चा हुई २८ दिसम्बर १८८५ को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्क्रत कोलेज मुंबई में ७२ डेलिगेट्स के साथ वोमेश चन्द्र बनर्जी की अध्यक्षता में इस स्न्नग्थान की घोषणा की गयी ......शुरूआती दोर में कोंग्रेस ने अंग्रेजी हुकूमत से भारतियों और उनकी समस्याओं पर चर्चा की फिर उनके निराकरण के लियें आन्दोलन किये फिर टेक्स वसूली और दुसरे शोषण के खिलाफ आन्दोलन के साथ ही देश के करोड़ों लोगों की दिल की धडकन कोंग्रेस बन गयी ..स्वर्गीय महात्मा गाँधी कोग्न्रेस का प्रतिनिधित्व अतर्राष्ट्रीय स्तर पर करते रहे थे बाद में कोंग्रेस के बेनर तले ही चलाए गये आज़ादी के आन्दोलन के कारण अंग्रेजों को भारत छोड़ कर जाना पढ़ा ..राष्ट्रीय गायन ..राष्ट्रिय गीत .तिरंगा सब कुछ कंग्रेस की ही दें है ......... भारत के आज़ाद होने के बाद भारत की सुक्ख शान्ति के लियें महात्मा बने त्यागी महान तपस्वी महापुरुष महात्मा गांधी को हथियारों ने गोली मर दी ..स्वर्गीय इंदिरा गाँधी ने अपने देश के खातिर जान गंवा दी ...जबकि स्वर्गीय राजिव गाँधी ने आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेके और बाद में उनकी बली ले ली गयी कोंग्रेस विश्व में ही नही अंतर राष्ट्रिय स्तर पर एक ऐसी पार्टी है जिसके इतने सारे शीर्ष नेताओं ने संगठन और देश के लियें बलिदान दिया है .......भारत को कोंग्रेस ने अंग्रेजों के चंगुल से आज़ाद कराया ..यहाँ भाई चारा सद्भावना से लोगों को रहना सिखाया ..इंदिरा जी के वक्त बंगला देश युद्ध में पाक को सबक सिखाया ..चीन को कई बार सीमा पर खदेड़ा .....विश्व स्तर पर इंदिरा गाँधी ने खुद को गुटनिरपेक्ष सम्मेलन की अध्यक्षता कर सर्व सम्मत नेता साबित कर कोंग्रेस का मान बढाया ....राजिव गांधी ने देश के लियें अपनी जान न्योछावर कर दलाई जबकि देश में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे पहली आवाज़ खुद राजिव गाँधी ने अपनी ही सरकार में उठायी और इस सच को स्वीकार कर भ्रष्टाचार शुद्धिकरण के लियें विशेष योजना बनाई ...सोनिया गांधी जिन्होंने प्रधानमन्त्री पद के पद को ठुकरा कर कोंग्रेस की छवि को और उज्जवल किया है .........देश में ही नहीं विश्व भर में कोंग्रेस एक ऐसी लोकतान्त्रिक पार्टी है जहाँ छुआ छुट भेदभाव उंच नीच से दूर रहने की सलाह देते हुए राष्ट्रिय एकता के लिए संघर्ष करने गरीबों की सेवा करने और खुद अपने धन के बारे में बेलेंस शीट कोंग्रेस कार्यालय में जमा कराने के निर्देश है साल में सात दिन जनता की सेवा और फिर खादी पहन कर खादी का मान बढ़ाना ..कोंग्रेस ही ऐसा निष्पक्ष लोक्तान्रिक धर्म निरपेक्ष सन्गठन है जहां युवाओं ..महिलाओं और अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएं दी गयी हैं ................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. Nice .

    बहार हो कि खिज़ां मुस्कुराए जाते हैं,
    हयात हम तेरा एहसाँ उठाए जाते हैं |
    सुलगती रेत हो बारिश हो या हवाएं हों,
    ये बच्चे फिर भ़ी घरौंदे बनाए जाते हैं |
    ये एहतमाम मुहब्बत है या कोई साज़िश,
    जो फूल राहों में मेरी बिछाए जाते हैं |
    समझ सको तो हैं काफी ये आँख में आंसू,
    के दिल के ज़ख्म किसे कब दिखाए जाते हैं |
    कोई भ़ी लम्हा क़यामत से कम नहीं फिर भ़ी,
    तुम्हारे सामने हम मुस्कुराए जाते हैं |
    http://mushayera.blogspot.com/

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