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24 दिसंबर 2011

जानिए, कैसे हुआ था प्रभु यीशु का जन्म



प्रभु यीशु के जन्म के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। यीशु के जन्म के संबंध में ईसाई धर्म में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। उसके अनुसार-

यूसुफ तथा उसकी मंगेतर मरियम नजरेन में रहते थे। मरियम को स्वप्न में भविष्यवाणी हुई कि उसे देवशिशु के जन्म के लिए चुना गया है। इसी बीच सम्राट ने नए कर लगाने हेतु लोगों के पंजीकरण की घोषणा की, जिसके लिए यूसुफ और मरियम को अपने गांव बेथलहम जाना पड़ा। मरियम गर्भवती थी।

कई दिनों की यात्रा के बाद वह बेथलहम पहुँची। तब तक रात हो चुकी थी। उसे सराय में विश्राम के लिए कोई स्थान न मिल सका। जब यूसुफ ने विश्रामघर के रक्षक को बताया कि मरियम गर्भवती है और उसका प्रसव समय निकट है तो उसने पास के अस्पबल के विषय में बताया। यूसुफ और मरियम उस अस्तबल में पहुँचे। अगले दिन सुबह मरियम ने उसी अस्तबल में एक शिशु को जन्म दिया। बारह वर्ष की उम्र ने यीशु ने ही धर्मचर्या में श्रोताओं को मुग्ध कर लिया।

यीशु के धर्म प्रचारों के कारण यहूदी शासक और कट्टरपंथी उनके विरोधी बन गए। उन पर अनेक अपराध थोपे गये। कोड़े मारे गए। सूली पर लटकाया गया। मृत्युदंड दिया गया। क्रिसमस का त्योहार यीशु के जन्मदिन यानी मुक्तिदाता मसीहा के धरती पर लिए गए अवतार के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

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