नई दिल्लीः नए साल में देश की ऑयल मार्केंटिंग कंपनियां आपको झटका दे सकती हैं। उनकी योजना पेट्रोल के दाम सवा दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की है। तेल कंपनियों ने नियम बना रखा है कि वे हर दो महीने में पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा करेंगी लेकिन इस बार सरकार के कहने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया है क्योंकि उस समय संसद का सत्र चल रहा था और सरकार वहां कोई हंगामा नहीं चाहती थी। लेकिन अब इन कंपनियों ने ऐसा करने का फैसला किया है। सरकारी तेल कंपनियों का कहना है कि डॉलर की बढ़ती कीमतों के कारण अब पेट्रोल के दाम बढ़ाने का वक्त आ गया है। यूं तो कुल फर्क 1.90 रुपए का है लेकिन राज्यों के टैक्स वगैरह लगाकर यह सवा दो रुपए का बैठता है। पेट्रोल कंपनियां अब शनिवार को इस पर चर्चा करेंगी। लेकिन उनके सामने एक समस्या है कि पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और यूपीए नहीं चाहेगी कि विपक्ष पेट्रोल कीमत बढ़ोतरी को एक मुद्दा बना दे। हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन यूपीए सरकार शायद यह कदम न उठाने दे।
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