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29 दिसंबर 2011

प्रकाश पर्व पर फैलेगी मानवता की रोशनी

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मानवता का संदेश देने और अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले गुरु गोविंद सिंह के विचारों को सिख समाज ही नहीं, बल्कि मानवता के पुजारी अनेकों अनेक लोगों ने आत्मसात किया है। उन्हीं विचारों की बनाए रखने के लिए हर साल गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। सिख समाज के 10वें गुरुदेव गुरु गोविंद सिंह साहब का 345वां प्रकाश पर्व शनिवार को शहर के गुरुद्वारों में धूमधाम से मनाया जाना है। प्रकाश पर्व के माध्यम से मानव समाज मानवता से रोशन होता नजर आएगा।

जीवन परिचय : श्रीगुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में 22 दिसंबर सन 1666 में हुआ था। माता का नाम गुजरीजी और पिता का नाम गुरु तेग बहादुर साहिब था। नौ साल की उम्र में गुरुजी ने विशेष पहचान बनाई। उस समय दिल्ली के सिंहासन पर औरंगजेब आसीन था।

अत्याचार से दुखी होकर कश्मीरी पंडित गुरु तेग बहादुर के पास पहुंचे। दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु तेग बहादुर का बलिदान होने पर गुरु गोविंद सिंह पिता की जगह गुरु गद्दी पर विराजित हुए। सन 1699 में तख्त श्री केश गढ़ में गुरुजी ने खालसा पंथ की स्थापना की। देश की रक्षा के लिए गुरुजी ने अपने चारों पुत्रों का भी बलिदान दिया। महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में गुरुजी ज्योति ज्योत समाए। पटना में गुरुद्वारा पटना साहिब और नांदेड़ में गुरुद्वारा सचखंड हजूर साहब बने हुए हैं।

गुरुद्वारा सचखंड दरबार

अखंड पाठ साहिब की शुरुआत हुई। प्रकाश पर्व पर शनिवार को अखंड पाठ साहिब का समापन होगा। सुबह 5 बजे से ही लंगर की सेवा शुरू हो जाएगी। निशान साहिब का चोला बदला जाएगा। दोपहर तक शबद कीर्तन और फिर पांच हजार लोगों के लिए लंगर होगा। कीर्तनी जत्था वीरेंद्र सिंह दिल्ली वाले व कानपुर के मनमीत सिंह जत्था कथावाचन करेगा। बच्चों की प्रस्तुतियां और धार्मिक प्रतियोगिताएं होंगी।

गुरुद्वारा सिंग सभा

गुरुवार सुबह 9 बजे अखंड पाठ की शुरुआत हुई। शुक्रवार सुबह और शाम भी शबद कीर्तन होगा। शनिवार सुबह 9.30 बजे अखंड पाठ समापन से होगी। इसके बाद मुंबई का प्रीतम सिंह जत्था शबद कीर्तन करेगा। सुबह 10 बजे पहले दीवान की समाप्ति और फिर 11 से 2 बजे तक पांडाल में विशेष दीवान सजेगा। दोपहर 2 बजे लंगर और रात 8.30 से 10 बजे तक शबद कीर्तन और फिर आतिशबाजी होगी।

गुरुद्वारा अरजन दरबार

अखंड पाठ की शुरुआत गुरुवार को हो गई, जिसका समापन शनिवार सुबह 8 बजे होगा। दोपहर 1 बजे तक शबद कीर्तन चलेगा और फिर लंगर बंटेगा। रक्तदान शिविर भी होगा। शाम 7.30 बजे दीवान सजेगा। रात 12 बजे आतिशबाजी होगी।

गुरुद्वारा दु:ख निवारण

प्रकाश पर्व रविवार को मनाया जाएगा। प्रभात फेरियों का समापन शनिवार सुबह होगा। शुक्रवार सुबह 10 बजे अखंड पाठ शुरू होगा, जिसका समापन प्रकाश पर्व पर होगा। इस दिन ज्ञानी गुरमीत सिंह रागी जत्थे द्वारा शबद कीर्तन किया जाएगा।

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