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12 नवंबर 2011

टिफिन का ऐसा खतरनाक इस्तेमाल, जिसे सुन 'हिल' जाएंगे आप!

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रायपुर/जगदलपुर। बस्तर के विभिन्न अंदरूनी इलाकों से लेकर नेशनल हाइवे पर बारूदी विस्फोट करने माओवादी टिफिन का इस्तेमाल करते हैं। इनकी खरीदी नक्सलियों का शहरी नेटवर्क आम तौर पर अर्धशहरी इलाकों से खरीदता है।पुलिस को मिलने वाली खुफिया सूचनाओं में सामने आया है कि माओवादियों का सहयोग करने वाले टिफिन, दवाई, बर्तन समेत रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान ज्यादा मात्रा में खरीदी कर ठिकाने लगाते हैं।

पिछले दिनों कोंडागांव के गोलावंड इलाके में दलम के डिप्टी कमांडर और जनमिलिशिया के कमांडर रामधर पकड़े गए थे। उस दौरान एक ट्राली में रखी 40-45 हजार रुपए मूल्य की जीवन रक्षक दवाइयां भी पुलिस के हाथ लगी थी। इसके अलावा मारडूम इलाके में पकड़ी गई नक्सलियों का सहयोगी एक युवती से भी काफी मात्रा में दवाइयां जब्त हुई थी। इन घटनाओं से हुई उक्त पुष्टि के बाद पुलिस ने शहरी और अर्धशहरी के अलावा ग्रामीण इलाकों में दवाई स्टोर के अलावा बर्तन विक्रेताओं पर नजर रखनी शुरू की है। एडीशनल एसपी सुरजीत सिंह के मुताबिक उक्त आशय के निर्देश एसपी रतनलाल डांगी ने जिले के सभी थाना प्रभारियों और एसडीओपी को दिए है।

ऐसे लोगों पर नजर रखने थाना स्तर पर कुछ कर्मचारियों के अलावा स्पार्टस की ड्यूटी लगाई गई है। दूसरी ओर माओवादियों का शहरी नेटवर्क आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई काफी होशियारी के साथ करता है। हालांकि इस बीच पुलिस को दो-तीन जगह पर सफलता भी मिली है।

साइबर कैफे पर दे रहे ध्यान

बर्तन, तिरपाल, दवाई के अलावा नक्सलियों के शहरी नेटवर्क द्वारा संचार की उच्च स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल करने की सूचनाएं भी पुलिस को मिल रही है। आम आदमी के वेश में शहरी इलाकों से खास तौर पर पुलिस की कार्यप्रणाली, रिस्पांस टाइम जैसी अहम सूचनाएं माओवादियों के सहयोगी इकट्ठा कर सकते हैं। इतना ही नहीं साइबर कैफे से सूचनाओं के आदान-प्रदान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसे देखते हुए कैफों पर खुफिया नजर पेट्रोलिंग पार्टियां रख रही है।

अफसरों के मुताबिक पुलिस ने पिछले कुछ समय से शहरी नेटवर्क को काबू करने तय रणनीति के मुताबिक तीन-चार स्तर पर काम शुरू किया हुआ है। इसमें काफी हद तक सफलता मिली है। बावजूद इसके इलाके की परिस्थितियों और नक्सलियों से जुड़ी मिलने वाली सूचनाओं को देखते हुए जोखिम नहीं लिया जा सकता। ऐसे मामलों से जुड़े लोगों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई होती है।

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