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12 नवंबर 2011

जितना मुझसे बन सकेगा, करूंगा, पता नहीं कल मंत्री रहूं या नहीं।’


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कोटा.राज्य के गृह, नगरीय विकास एवं कानून मंत्री शांति धारीवाल मंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं। इसे लेकर वे खुद भी संशय में हैं। हंसते-हंसते ही सही लेकिन शनिवार को अभिभाषक परिषद के समारोह में उन्होंने अपने मन की बात कुछ इस तरह कह दी, ‘जितना मुझसे बन सकेगा, करूंगा, पता नहीं कल मंत्री रहूं या नहीं।’

अंत में शायराना अंदाज में ‘अपनी ही आग से दिन भर जलेगा सूरज, फिर किसी गहरे समंदर में उतर जाएगा सूरज, आज हम-तुम बैठकर मिल रहे हैं गनीमत जानो, किसको मालूम कल कौन किधर जाएगा’ चार पंक्तियां भी सुना दी।

धारीवाल जिला न्यायालय परिसर में अभिभाषक परिषद के सभा भवन को वातानुकूलित कर दिए जाने के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।धारीवाल ने न्यायालय परिसर का विस्तार करने समेत कई घोषणाएं की।

कांग्रेस-भाजपा के स्थानीय बुजुर्ग नेताओं के प्रति सम्मान की भावना व्यक्त करते हुए वे भावुक हो गए। इसके बाद उन्होंने वकीलों को भूखंड आवंटन की प्रस्तावित योजना का जिक्र करते हुए रियायती दर पर भूखंड मुहैया कराने का भरोसा दिलाया।

फिर कहा निश्चित तौर पर कुछ न कुछ फायदा होगा लेकिन यह तब होगा जब मैं कायम रह पाऊंगा। कोई अखबार ऐसा नहीं जो मुझे नहीं हटवाता। दो तरह की खबरें छपती है। पहली यह कि मैं मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जाऊंगा।

दूसरी यह कि मेरा पावर कम कर दिया जाएगा। इसके साथ ही धारीवाल ने शायराना अंदाज में अपने दर्द-ए-दिल से कुछ यूं बयां किया, ‘अपनी ही आग से दिन भर जलेगा सूरज, फिर किसी गहरे समंदर में उतर जाएगा सूरज, आज हम-तुम बैठकर मिल रहे हैं गनीमत जानो, किसको मालूम कल कौन किधर जाएगा।’

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