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13 नवंबर 2011

फिल्मी फॉर्मूला आया काम, एक मासूम ने बचाई दूसरे की जान

धमतरी/रायपुर। मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है। इसे एक 8 वर्षीय बालक ने सही साबित कर दिखाया। तालाब में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही ३ साल की नन्हीं बालिका को अपनी जान पर खेल अदम्य साहस का परिचय देते हुए नई जिंदगी दी। बच्चे के इस साहस से शहरवासी स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।



कोष्टापारा निवासी संदीप यादव की पुत्री पवनी (3)अपने दादा-दादी के साथ वार्ड के ही सामुदायिक भवन में कार्यक्रम में गई थी। खेलते खेलते वह कठौली तालाब पचरी तक पहुंच गई। शाम पांच बजे के लगभग पवनी अचानक तालाब मंे गिर गई। पास ही वार्ड का उत्तम (8) पिता बीरेन्द्र सार्वा खेल रहा था, जिसकी नजर पवनी पर पड़ी। उत्तम ने एक पल भी देरी नहीं की, डूब रही बालिका को बचाने तालाब में छलांग लगा दी। तैरते हुए बालिका तक पहुंचा और उसे किनारे खींच लाया। फिर पचरी पर लिटाकर एवं पेट दबाकर बालिका के शरीर का पानी बाहर निकाला। उत्तम उसे सामुदायिक भवन ले गया और उसके परिजनों के बारे में पूछताछ की। पवनी के दादा-दादी को घटना की जानकारी लगी तो होश उड़ गए। आसपास के लोग भी उत्तम के इस अदम्य साहस को लेकर आश्चर्य जाहिर करते रहे।
फिल्म से मिली तरकीब
बालिका को नई जिंदगी देने वाले उत्तम नाथूराम मोतीलाल संस्कृत पाठशाला में कक्षा तीसरी का छात्र है। उत्तम ने बताया कि पेट से पानी निकालने का तरीका उसने फिल्मों में देखा था और वैसे ही बालिका के पेट से पानी निकाला। उत्तम ने बताया कि वह तालाब में घंटों तैर सकता है। अक्सर कठौली तालाब में ही नहाता है। घटना के समय वह सामुदायिक भवन के पास ही खड़ा था और बच्ची को तालाब में गिरते देख लिया।

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