आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

08 नवंबर 2011

...तो इन बातों की वजह से हमसे कश्मीर छीनना चाहता है पाक!

| Email Print
कश्मीरविवाद ने जम्मू-कश्मीर ही नहीं पूरे देश के लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है। आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सभी तरह से देश और जम्मू-कश्मीर के अवाम को इस विवाद ने बर्बाद कर दिया है। हम अपने पाठकों के लिए जम्मू-कश्मीर के इतिहास, विवाद, वहां के रीति रिवाज सब कुछ बताने का सीरिज चला रहे हैं। इसके तहत आज हम आपको बता रहे हैं कि कश्मीर विवाद में क्या है भारतीय और पाकिस्तान का पक्ष?

क्या कहता है पाक

दो-राष्ट्र सिद्धांत के तहत कश्मीर मुस्लिम बहुल होने के नाते पाकिस्तान में जाना चाहिये था । विकल्प होने पर हर कश्मीरी पाकिस्तान ही चुनेगा, क्योंकि वो भारत से नफ़रत करता है । भारत ने संयुक्त राज्य की नाफ़रमानी की है और डरता है कि अगर जनमत-संग्रह हुआ तो कश्मीरी जनता पाकिस्तान को ही चुनेगी । कानूनी तौर पर कश्मीर के महाराजा द्वारा भारत में विलय ग़लत था क्योंकि महाराजा ने ये विलय परेशानी की स्थिति में किया था । पाकिस्तान की मुख्य नदियाँ कश्मीर से आती हैं, जिनको भारत कभी भी रोक सकता है ।

भारतीय पक्ष

आज पाकिस्तान ने अपना अधिकृत कश्मीरी भूभाग खाली नहीं किया है, बल्कि कुटिलतापूर्वक वहां कबाइलियों को बसा दिया है । जम्मू और कश्मीर की लोकतांत्रिक और निर्वाचित संविधान-सभा ने 1957 में एकमत से 'महाराजा द्वारा कश्मीर के भारत में विलय के निर्णय' को स्वीकृति दे दी थी।

भारतीय संविधान के अन्तर्गत आज तक जम्मू कश्मीर मे सम्पन्न अनेक चुनावों में कश्मीरी जनता ने वोट डालकर एक तरह से भारत में अपने स्थायी विलय को ही मान्यता दी है । जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनैतिक दल भी पाकिस्तान के धर्म पर आधारित दो-राष्ट्र सिद्धान्त को नहीं मानते।

कश्मीर का भारत में विलय ब्रिटिश "भारतीय स्वातंत्रता अधिनियम"के तहत क़ानूनी तौर पर सही था । पाकिस्तान अपनी भूमि पर आतंकवादी शिविर चला रहा है (ख़ास तौर पर 1989 से) और कश्मीरी युवकों को भारत के ख़िलाफ़ भड़का रहा है । ज्यादातर आतंकवादी स्वयं पाकिस्तानी नागरिक या तालिबानी अफगान ही हैं।

ये और कुछ दिग्भ्रमित कश्मीरी युवक मिलकर इस्लाम के नाम पर भारत के ख़िलाफ़ जेहाद छेड़े हुए हैं। धर्म के नाम पर ये दरिंदे निर्दोष कश्मीरी नागरिकों की निर्मम हत्याएं कर रहे हैं । राज्य को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत स्वायत्तता प्राप्त है । कश्मीर के भारत से अलग होने के बाद भारत की उत्तरी सीमा सुरक्षित नहीं रहेगी ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...