बड़े होटलों तक में चिकन की स्टोरेज उसी फ्रिज में की जाती है, जिसमें शाकाहारी खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं। इस तरह शाकाहारियों का धर्म भ्रष्ट करने वाले फास्ट फूड, रेस्टोरेंट व होटलों संचालकों पर सेहत विभाग शिकंजा कसने के मूड में है। विभाग ने संचालकों को चेतावनी दे दी है कि वे वेज और नॉन वेज के लिए अलग-अलग फ्रिज रखें।
विभाग ने यह निर्देश मानवाधिकार आयोग में एक मामला जाने के बाद दिए हैं। आल इंडिया ह्यूमन राइट्स कमेटी के प्रधान विनोद कश्यप ने इस बाबत आयोग के पास शिकायत की थी। इसमें आयोग ने सेहत विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। विभाग ने इस रिपोर्ट में कहा है कि उसने सभी होटलों को हिदायत की है कि वे मांसाहारी व शाकाहारी खाने के लिए अलग कंपार्टमेंट, रेफ्रिजरेटर व डीप फ्रिजर इस्तेमाल करें। साल 2011 के दौरान विभाग ने शहर के 13 बड़े होटलों व क्लबों की किचन चेक की तो ज्यादातर में मांसाहारी व शाकाहारी सामान को अलग अलग रखने की व्यवस्था नहीं थी।
रद हो सकता है लाइसेंस
रिटायर्ड असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर डॉ. एके खुल्लर के मुताबिक नए एक्ट में लाइसेंसिंग अथॉरिटी सेहत विभाग है। वह रेस्टोरेंट, ढाबे या होटल का लाइसेंस रद्द कर सकता है। अगर आपको इस संबंधी शिकायत है तो सिविल सर्जन ऑफिस के कंट्रोल नंबर 2444193 पर शिकायत कर सकते हैं।
अब रेस्टोरेंट या फास्ट फूड पर रूटीन सैंपल लेते समय यह भी चेक होगा कि मांसाहारी व शाकाहारी सामान को अलग अलग रखा जा रहा है या नहीं।
डॉ.कुलविंदर सिंह, जिला सेहत अधिकारी
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