बलियाली की कंचन की शादी अलवर के राजकुमार के साथ हुई थी। दूसरी डिलीवरी के चलते वह अपने मायके आई हुई थी। विडंबना कहेंगे कि डिलीवरी से तीन दिन पूर्व ही कंचन का दो वर्षीय बेटा भी हादसे में चल बसा। सोमवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई। गांव में ही दाई ने प्रसव करवाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सकी।
घरवाले उसे बवानीखेड़ा के एक चिकित्सक के पास लाया गया लेकिन उसने भी डिलीवरी करवा पाने में असमर्थता जाहिर कर दी। आनन फानन में उसे हांसी के हिसार चुंगी स्थित एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉ. उर्मिल धत्तरवाल ने कंचन की डिलीवरी करवाई। इसी दौरान पता चला कि बच्चे को सैकरोकोक्सीजील टैराटोमा है।
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