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15 नवंबर 2011

नाती-पोतों से बात करने के लिए सीनियर सिटीजन सीख रहे हैं कंप्यूटर!

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कोटा.देश-विदेश में पल-बढ़ रहे नाती-पोतों को देखने व इंटरनेट की दुनिया को जानने के लिए शहर के 20 सीनियर सिटीजन ‘नेटीजन’ बन रहे हैं। मेल, चेटिंग और गूगल पर सर्च के संसार ने इनकी जिंदगी ही बदल कर रख दी है। नेट पर सर्फिग में कब 2 घंटे बीत जाते हैं इन्हें पता ही नहीं चलता।


एयरपोर्ट के सामने करणी नगर विकास समिति के आश्रय भवन में हर दिन बुजुर्गो को कम्प्यूटर ज्ञान देने के लिए क्लास लग रही है। क्लास में टीचर इन्हें ईमेल खोलना, गूगल पर सर्च करना, डिक्शनरी से अर्थ तलाशना सहित कई जानकारी दे रहे हैं।

बुजुर्गो ने बताया कि संसार में मौजूद ज्ञान के खजाने को वो अब नेट के माध्यम से जान रहे हैं। विकास समिति के महावीर भंडारी बताते हैं कि अभी छठा बैच चल रहा है।राजस्थान यूनिवर्सिटी का प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।

हर रोज बच्चों से ऑनलाइन बात करता हूं

छावनी निवासी पॉलीटिकल साइंस के एचओडी रह चुके 82 वर्षीय डॉ. केएस राजोरा बताते हैं कि बेटा यूएसए में और बेटी रायपुर में रहती है। अपनों से दूर नहीं रहा जाता।

ऐसे में इंटरनेट पर वेब केम की सहायता से वे उनको कंप्यूटर स्क्रीन पर देखसुन सकते हैं। बच्चों से हर रोज ऑनलाइन बात करता हूं। सच पूछो तो मैंने बच्चों को स्क्रीन पर बोलते, खेलते हुए देखने व बात करने के लिए कम्प्यूटर सीखा।

ज्ञान का खजाना है इंटरनेट:

वल्लभ बाड़ी निवासी रिटायर्ड एडिशनल एसपी चंद्र भानसिंह बताते हैं कि पुलिस सेवा में रहते हुए तो इतना वक्त मिलता नहीं था। इंटरनेट वाकई विशाल लाइब्रेरी है। जिसमें हर क्षेत्र के ज्ञान का खजाना भरा पड़ा है। 1 घंटे इंटरनेट पर ऑनलाइन रहता हूं।

कुछ भी आसानी से मिल जाता है

रिटायर्ड सिविल इंजीनियर विज्ञान नगर निवासी 71 वर्षीय सीएम सक्सेना बताते हैं कि इंजीनियरिंग से संबंधित कई विषयों की बुक बाजार में आसानी से नहीं मिलती। लेकिन नेट पर ऑनलाइन हर विषय की सभी जानकारी सुगमता से मिल जाती है।

अब बदल गया हूं मैं:

न्यू आकाशवाणी कॉलोनी निवासी रिटायर्ड सिविल इंजीनियर पर्वतसिंह पंवार (72) बताते हैं कि घर में बच्चों को कंप्यूटर पर बैठे देखता हूं और वे मुझे तरह-तरह की जानकारियां बताते थे तो मुझे काफी अच्छा लगा। फिर मैंने भी कम्प्यूटर सीखने की ठानी। क्लास ज्वॉइन की और अब तो नेट का यूज करना भी सीख लिया। ऑनलाइन ही देश विदेश के समाचार पढ़ता हूं।

ऑनलाइन कमेंट भी करता हूं। जमाना बदल गया तो मैंने भी खुद को बदल दिया।

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