हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद के जीवन पर एक पूरा पुराण लिखा गया है।इसे गरुड़ पुराण कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि गरुड़ पुराण उचित और अनुचित का ज्ञान करवाकर मनुष्य को धर्म और नीति के अनुसार जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देता है। ये मनुष्य के शुभ-अशुभ कर्मों का विश्लेषण कर उन्हें सत्कर्म करने को प्रेरित करता है और दुष्कर्म करने से रोकता है।
इसी पुराण में उल्लेख मिलता है कि कौन लोग नर्क में जाते हैं। इसमें उल्लेख के अनुसार गरुड़ भगवान विष्णु से पूछते हैं कि भगवान किन पापों के कारण इंसान नर्क में जाता है तो भगवान उत्तर देते हैं- यमदूत कैसे पापियों को प्रताडि़त कर नरक में गिराते हैं उन्हें तुमसे कहता हूं।
- जो स्त्रियों, बालकों, नौकरों, गुरु को बिना भोजन कराये अकेला भोजन करे।
- विष्णु भगवान को बिना नैवेद्य लगाए भोजन करे।
- जो शंकु, काष्ट, पत्थरों, कांटों से मार्ग रोकते हैं।
- जो शिव, शिवा की, विष्णु, सूर्य , गणेश, सदगुरु व पंडित की पूजा नहीं करते वे नरक में जाते हैं।
- जो कामांध होकर राजस्वला स्त्री का सेवन करे।
- अपने शस्त्र बेचने वाले नरक में जाते हैं।
- अनाथ पर दया नहीं करने वाले।
- अपराध के बिना किसी को दण्ड देने वाले सब नरक में जाते हैं।
- किसी भी जरूरतमंद को भोजन की आशा बंधाकर भोजन न करवाने वाले।
- दया न करने वाले और सबसे कपट रखने वाले भी नरक में जाते हैं।
- दोस्त को धोखा देने वाले, आशा भंग करने वाले सब नरक में जाते हैं।
- विवाह, यात्रा आदि पर जाने वाले को लुटने वाला नरक में जाता है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 नवंबर 2011
जानिए , किन लोगों को नरक में जाना पड़ता है?
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