उन्होंने कहा कि पाक के साथ-साथ चीन भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बना है। यदि समय रहते प्रधानमंत्री ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। चीन इस समय आंतरिक सुरक्षा के खतरों से जूझ रहा है।
सिंगल पार्टी शासन होने के कारण लोगों में वहां की सरकार के प्रति विद्रोह की भावना पनप रही है। इसलिए वह अपने देश के लोगों और दुनिया का ध्यान हटाने के लिए कभी भी भारत पर हमला कर सकता है। इधर, आर्थिक दृष्टि से यूरोप दिवालिया हो चुका है। यूरो, पौंड और डॉलर के दाम गिर रहे हैं। पश्चिमी देश लगातार कर्ज में डूब रहे हैं। ऐसे में विदेशों में जमा काले धन को तत्काल भारत में लाने के सरकार को प्रयास करने चाहिए।
महंगाई राजनीतिक दलालों की देन : स्वामी रामदेव का कहना है कि देश में महंगाई राजनीतिक दलालों की देन है। देश में मजबूत लोकपाल बन जाए, व्यवस्था पारदर्शी हो, विदेशों में जमा कालाधन भारत में आ जाए और देश में एक ही टैक्स, ट्रांजिक्शन टैक्स लगा दिया जाए तो देश से महंगाई खत्म हो सकती है लेकिन अपने स्वार्थो की आपूर्ति के लिए सत्ता के दलालों ने कई तरह के टैक्स लादकर देश की आर्थिक व्यवस्था को डांवाडोल बना दिया है।
यदि आर्थिक नीति में सुधार कर दिया जाए तो देश में मौजूद इस समय 202 लाख की आर्थिक व्यवस्था दोगुनी होकर 404 लाख की हो सकती है। टीम अन्ना, श्रीश्री रविशंकर और हमारे बीच कोई मतभेद नहीं बाबा रामदेव ने कहा कि टीम अन्ना, श्रीश्री रविशंकर से उनके किसी प्रकार के मतभेद नहीं है। देश में जब भी व्यवस्था परिवर्तन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े आंदोलन होंगे, हम हमेशा साथ रहे हैं और साथ रहेंगे। सभी लोग अपनी अपनी शैली में काम कर रहे हैं, सबका लक्ष्य एक ही है कि देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो।
पेट्रोल के दाम, कंपनियों के मुनाफे के लिए
पेट्रोल में बढ़े दाम के लिए केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। सरकार चंद पेट्रोल कंपनियों को बड़ा मुनाफा देने के लिए ठोस नीति बनाने से पीछे हट रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो एक आम आदमी को 40 रुपए तक पेट्रोल मिल सकता है। पेट्रोल बनाने के समय कंपनियों को कच्च तेल 3 रुपए में उपलब्ध होता है।
इसके बाद इस पर लगे सरचार्ज और ट्रैक्स के बावजूद यह हद से हद 35 रुपए तक हो सकता है। सभी तरह के मुनाफे लगाने के बावजूद सरकार चाहे तो इसे 40 रुपए में आम आदमी को उपलब्ध करवा सकती है लेकिन पहले से ही 75-76 रुपए में मिल रहे पेट्रोल के दाम 1.82 पैसे बढ़ाकर सरकार ने साबित कर दिया कि वह आम आदमी के हित में नहीं बल्कि चंद पेट्रोल कंपनियों के घरानों के साथ है
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