धारा 370, जम्मू- कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है। यह धारा भारतीय राजनीति में बहुत विवादित रही है। भारतीय जनता पार्टी और कई राष्ट्रवादी दल इसे जम्मू - कश्मीर में व्याप्त अलगाववाद के लिए जिम्मेदार मानते हैं तथा इसे समाप्त करने की मांग करते रहे हैं।
विशेष अधिकार धारा-370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित क़ानून को लागू करवाने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए। इसी विशेष दर्जें के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती। इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बरख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।
1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता। इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कही भी भूमि ख़रीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते हैं। भारतीय संविधान की धारा 360, जिसमें देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
अच्छा लेख! शुक्रिया इस जानकारी के लिए!
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