लंदन.लंदन के लुटन इलाके में कश्मीरी समुदाय के लोगों के समक्ष भाषण दे रहे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर जूते से हमला किया गया। जूता मुशर्रफ को नहीं लगा और हमलावर को पकड़कर हाल से बाहर कर दिया गया। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब परवेज मुशर्रफ पर जूता चला हो। इससे पहले भी वो ऐसी ही हरकत का निशाना बन चुके हैं। इसी साल फरवरी में भी एक व्यक्ति ने ब्रिटेन में ही मुशर्रफ पर जूता फेंका था।
नया नहीं है जूते से हमला
नेताओं को जूते मारना कोई नई बात नहीं है। बगदाद में एक पत्रकार वार्ता के दौरान अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश पर एक पत्रकार मुंतजर अली जैदी ने दिसंबर 2008 में जूता फेंककर आक्रोश क्या जताया, तब से अब तक लोगों में जूता चलाने की होड़-सी मच गई है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ, मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, चीनी प्रीमियर वेन जियाबाओ समेत कितने ही सूरमाओं की जूतमपैजार के प्रयास हो चुके हैं। अपने देश में भी तो यही कहानी चल रही है। जरनैल को गुस्सा आया तो चिदंबरम पर उछाल दिया जूता। हाल ही की तो बात है, जब दिल्ली में जनार्दन द्विवेदी के साथ भी ऐसा ही होते-होते बचा।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 नवंबर 2011
कश्मीरियों की सभा में परवेज मुशर्रफ पर चला जूता
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