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05 नवंबर 2011

बात अजीब है पर सच है, डॉक्टर का काम करते हैं ये ड्रायफ्रूटस



हमारे मन में अक्सर पिस्ता बादाम एवं अखरोट खाने को लेकर कुछ भ्रांतियां रहती हैं,जैसे यह रक्त में कोलेस्ट्रोल ,ट्राईग्लीस्राइड आदि को बढ़ाकर हृदय रोगों की संभावना को बढ़ा देता होगा,पर ऐसा नहीं है। इन सूखे फलों के कई फायदे हैं, इनका निश्चित मात्रा में सेवन मस्तिष्क के लिए ही नहीं ,अपितु कई रोगों में बचाव का साधन है। हाल में ही शोधकर्ताओं ने पिस्ता बादाम एवं अखरोट खाने वाले मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीडि़त रोगियों, जिनमे हृदय से सम्बंधित रोगों की प्रबल संभावना थी ,इसे कम होते देखा है।

पिस्ता बादाम एवं अखरोट खाने वालों में सेरेटोनिन नामक रसायन का स्तर बढ़ जाता है, जो तंत्रिका संवेदनाओं का ले जाने का काम करता है ,परिणाम स्वरुप व्यक्ति में भूख मिट जाती है, एवं एक खुशनुमा एहसास हृदय के लिए फायदेमंद होता है।बस ध्यान रहे, कि पिस्ता बादाम एवं अखरोट की नियमित मात्रा एक आउंस से अधिक न हो। यह शोधपत्र ए. सी .एस .के जर्नल आफ प्रोटीओम रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।युनिवर्सिटी ऑफ बारसिलोना के शोधकर्ताओं का भी मानना है, कि विश्व में मोटापे से पीडि़त रोगियों का बढऩा, मेटाबोलिक सिंड्रोम से सीधे सम्बंधित है, जिसमें पेट के पास की चर्बी में बढ़ोत्तरी ,हाई ब्लड -शुगर और हाई ब्लड -प्रेशर मिलना तय है।

अत: खान-पान में परिवर्तन लाकर, वजन को नियंत्रित कर, शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है ,इनमें नियमित पिस्ता बादाम एवं अखरोट का निश्चित मात्रा में सेवन भी सम्मिलित है। आपको शायद मालूम होगा, ये सूखे फल पोषक तत्वों से भरे पड़े हैं, इनमें अच्छी चर्बी (अनसेचुरेटेड फेटी- एसिड ) एवं एंटी-ओक्सिडेंट (पोलीफेनोल ) पाए जाते हैं ,जो मेटाबोलिक सिंड्रोम से लडऩे में मददगार होते है। तो आज से ही खाना शुरू करें अखरोट ,पिस्ता और बादाम और हृदय रोगों को करें ना ना ....!

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