शिमला पहले जुब्बल की युवती फिर यूनिवर्सिटी की छात्रा। साइबर क्राइम के शातिरों ने अब शिमला पुलिस को भी निशाना बना दिया है। इन शातिरों ने शिमला ट्रैफिक पुलिस का ही फर्जी फेसबुक अकाउंट बना डाला है। शातिर पिछले कई महीनों से इस अकाउंट को चला रहा है।
यही नहीं, इसने अकाउंट के जरिए अब तक 76 लोगों को अपना दोस्त भी बना रखा है। शिमला की ट्रैफिक पुलिस तो अपना अकाउंट नहीं बना सकी, लेकिन किसी शातिर ने पुलिस का अकाउंट जरूर चला रखा है। इस फेसबुक अकाउंट में शातिर ने अपनी जन्मतिथि 16 अक्टूबर 1997 डाल रखी है। जो लोग इस अकाउंट से जुड़े हैं, उन्हें इस अकाउंट से दीवाली आदि त्योहारों के मैसेज भी भेजे गए हैं।
पुलिस महकमा बेखबर है। यहां तक आलाधिकारियों को भी इसकी सूचना नहीं है। ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए लोगों के सुझाव लेने के लिए दिल्ली और पंजाब पुलिस ने अपने फेसबुक अकाउंट बना रखे हैं। इसके माध्यम से लोग इन शहरों की यातायात समस्या से ट्रैफिक पुलिस को अवगत करवाते हैं। डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस का कोई अकाउंट अभी नहीं बना है। उन्होंने कहा कि इस जाली अकाउंट को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा।
पहले पासवर्ड भूल गई थी पुलिस
ट्रैफिक पुलिस ने इस साल के शुरुआत में अपना फेसबुक अकाउंट बनाया था लेकिन पासवर्ड याद न रहने से यह अकाउंट पुलिस के लिए जी का जंजाल बन गया। अब इस अकाउंट को हैक कर नया अकाउंट बनाने की योजना बन रही थी लेकिन शातिरों ने पहले ही फर्जी अकाउंट बना डाला।
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