अफगानिस्तान के कांधार प्रांत में तैनात रहे स्टाफ सार्जेंट केल्विन गिब्स पर आरोप था कि उन्होंने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए मासूम आम नागरिकों की हत्या की। गिब्स पर यह भी आरोप है कि उसने हत्या के बाद उनकी लाशों की उंगलियां काट दी।
पांच घंटे तक चली सुनवाई के बाद गिब्स को इस दुष्कृत्य के लिए उम्र कैद की सजा दी गई। पांच सदस्यीय ज्यूरी पेनल ने सार्जेंट के साथ थोड़ी नरमी बरतते हुए यह निर्णय लिया कि साढ़े आठ साल बाद वो पेरोल के हकदार होंगे।
गिब्स के खिलाफ पिछले 18 महीनों से यह केस चल रहा था। कोर्ट में पेश हुई तस्वीरों ने गिब्स द्वारा दिखाई गई हैवानियत की दास्तां सबके सामने खोलकर रख दी। पेंटागन अधिकारियों ने बताया कि गिब्स की स्ट्रायकर ब्रिगेड इन्फेंट्री यूनिट पर हो रहे ड्रग्स के दुरुपयोग की जांच के दौरान इन हत्याओं का मामला उजागर हुआ। इस प्रकरण ने अमेरिका की छवि को खराब किया है।
कोर्ट में पेश हुई तस्वीरों में गिब्स और उनके साथी सैनिक खून से लथपथ अफगानी मृत शरीरों के साथ खड़े हुए हैं। इन तस्वीरों की तुलना 2004 में हुए इराक के अबु घारिब कांड से की गई है।
गिब्स ने अपने जुर्म को स्वीकार नहीं किया है।
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