अहमदाबाद। गोधरा कांड और इसके बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों की जांच कर रहे दो सदस्यीय गोधरा जांच आयोग पर अभी तक 6.32 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इनमें से 4.53 करोड़ रुपए आयोग के सदस्य न्यायाधीश व इनके स्टाफ के वेतन-भत्तेे के मद में खर्च हुए हैं।
आयोग के समक्ष सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को बतौर फीस 29 लाख रुपए चुकाए गए हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत विनोद पंड्या नामक आवेदक ने यह जानकारी हासिल की है। आयोग 2002 से गोधरा कांड व इसके बाद भड़के दंगों की जांच कर रहा है। गोधरा कांड पर आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। दंगों के मामले की छानबीन जारी है। इसलिए हर छह माह में आयोग का कार्यकाल बढ़ाना पड़ता है।
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