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14 अक्तूबर 2011

इन खतरनाक बीमारियों की अदरक से सस्ती दवा नहीं हो सकती....



भारत के हर घर में आयुर्वेद बसता है,अगर नहीं तो क्यों हमने सर्दी और जुकाम में अपनी दादी और नानी द्वारा अदरक एवं तुलसी के पत्ते का रस मिलाकर पिलाते देखा है ? हमने अंग्रेजों द्वारा पिलाई गयी चाय को भी भारतीय रूप देकर अदरक और नीबूं की चाय के रूप में लोगों को चुस्कियां लेते देखा होगा। यह हमारी विशेषता है, कि हम हर बुराई को अपनाकर उसे एक अच्छा रूप देने में सक्षम हैं। आइये ऐसे ही एक गुणों से भरपूर सरलता से हर घर में उपलब्ध अदरक के गुणों को जानते हैं।

-अदरक का सूखा चूर्ण शुंठी के रूप में सूखी खांसी से लेकर गठिया वात तक की दवा है, बस करें इसका प्रयोग सिर्फ एक चम्मच रोज गुनगुने पानी के साथ।

- सूखा अदरक सिर्फ चबाने मात्र से आपको भूख लगने लगजाएगी।

-हाल में युनिवर्सिटी आफ मिशिगन मेडिकल स्कूल में सुजाना रीक क़ी टीम द्वारा किये गए एक रिसर्च से यह सिद्ध हुआ है, कि अदरक की जड़ का चूर्ण बड़ीआंत (कोलोन ) के कैंसर के खतरे को दूर करता है। यह बात जर्नल कैंसर प्रीवेंसन में प्रकाशित हुई है, और यह माना गया है कि कोलोन के कैंसर को रोकने क़ी इससे सस्ती और सुलभ दवा नहीं हो सकती।

- यदि आपको यात्रा करते समय मोसन सिकनेस की समस्या हो तो अदरक आपके लिए एक सरल उपाय है, बस अदरख का एक टुकड़ा चबाएं ,आपको मुहं सूखने एवं उल्टी आने जैसे लक्षणों से निजात मिल जाएगी।

- अदरक के चूर्ण की 1 ग्राम मात्रा प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली मोर्निंग सिकनेस के लिए भी अत्यंत कारगर दवा है।

- इसके अलावा कैंसर के मरीजों को दी जानेवाली कीमोथेरपी के दौरान उत्पन्न होने वाले मिचली (उल्टी आने क़ी इच्छा ) को भी दूर करने में मददगार होती है ढ्ढ

-यदि आप ओसटीओआर्थराईटीस (ह्र्र) से हैं ,परेशान तो यूनिवर्सिटी मेरीलैंड मेडिकल स्कूल के 261 रोगियों पर किये गए शोध के अनुसार अदरक का एक्सट्रेक्ट सुबह शाम लेने मात्र से दर्द एवं सूजन में राहत मिलती है।

- अदरक पर किये गए कुछ और शोध इसके हृदय एवं उच्च रक्तचाप के रोगीयों में कोलेस्टेरोल को कम करने के साथ साथ रक्त के थक्के बनने के संभावना को कम कर देते हैं।

-चीनी लोग भी लगभग 2000 वर्षों से अदरक को पाचन तंत्र की गड़बडिय़ों को दूर करने में प्रयोग करते आ रहे हैं, और हम भारतीय तो हजारों सालों से आयुर्वेद के माध्यम से इसके फायदे को पारंपरिक रूप में लेते आ रहे हैं। इन सब शोधों के पीछे आयुर्वेद का कमाल है,जो सदियों पूर्व हमारे ऋषि-मुनियों की परम्परा से हमें प्राप्त हुआ है।

1 टिप्पणी:

  1. अच्छा लेख लगा भाईजान ....कई लोग इसका अचार बना कर भी खाते हैं और यदि इसे निम्बू के रस में नमक मिलकर खाना खाने से पहले खाया जाए तो हाजमा ठीक रहता हैं ..धन्यवाद !
    उपयोगी पोस्ट के लिए ---

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