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18 अक्तूबर 2011

प्रसाद का पैकेट खोला, बिखरे रुपए और चौंक गए सब!

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जमशेदपुर।टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष रघुनाथ पांडे (बाबा) के आवास पर एक व्यक्ति बाबाधाम के प्रसाद के साथ पॉलिथीन में एक लाख रुपए देकर भाग गया। इस मामले में बाबा के आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी गोपाल सिंह के बयान पर साकची थाना में राज बल्लभ सिंह व रत्नेश सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। माना जा रहा है कि राजबल्लभ सिंह नामक टाटा स्टील कर्मी ने यूनियन अध्यक्ष को अपने पुत्र की नौकरी लगाने के लिए रिश्वत देने का प्रयास किया है।

घटना मंगलवार शाम 4.30 बजे की है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उस वक्त रघुनाथ पांडे आवास पर नहीं थे। एक व्यक्ति साइकिल से यूनियन अध्यक्ष के साकची स्थित फ्लॉवर मिल रोड स्थित आवास पहुंचा। उस व्यक्ति के आवास में प्रवेश करने पर वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों गोपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह व लक्ष्मण ओझा ने रोका। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि वह टाटा स्टील का कर्मचारी और बाबा का नजदीकी है। वह बाबाधाम का प्रसाद देने आया है। वह व्यक्ति पॉलिथीन लेकर घर में चला गया। उसने रघुनाथ पांडे के छोटे भाई विनोद पांडे के पुत्र को बाबाधाम का प्रसाद कहकर पॉलिथीन पकड़ाई और वापस चला गया।

परिजनों ने पॉलिथीन खोला, तो देखा कि प्रसाद के साथ 1000 और 500 रुपए के नोट और एक कागज में दो लोगों के नाम लिखे हुए हैं। इसके बाद परिजनों ने प्रसाद व पैसे को उसी पॉलिथीन में रखकर तैनात सुरक्षाकर्मी गोपाल सिंह व अन्य को सौंप दिया।

क्या था पॉलिथीन में

>बाबाधाम का प्रसाद, जो पैकेट में रखा हुआ था। >एक हजार के 50 नोट यानी 50,000 रुपए > 500 रुपए के 100 नोट यानी 50,000 रुपए >एक कागज, जिस पर दो लोगों राज बल्लभ सिंह (पर्सनल नंबर-111137, आरएमएम) और रत्नेश सिंह (रोल नंबर-103003) के नाम लिखे हुए थे।

कौन हैं राज बल्लभ सिंह और रत्नेश

कदमा निवासी तथा टाटा स्टील के रॉ मेटेरियल मेंटेनेंस विभाग में कार्यरत। रत्नेश सिंह उनका पुत्र है।

पुलिस को नहीं मिले राज बल्लभ

टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडे को प्रसाद के साथ एक लाख रुपए रिश्वत देने के आरोपी राज बल्लभ सिंह व उनके पुत्र रत्नेश सिंह की गिरफ्तारी के लिए कदमा स्थित क्वार्टर संख्या 17 में साकची व कदमा पुलिस ने छापामारी की, लेकिन पुलिस को दोनों नहीं मिले। दूसरी ओर पुलिस की एक टीम टाटा कंपनी प्रबंधन से भी इस मामले में सहयोग के लिए पहुंची है। वहां भी पर्सनल नंबर के आधार पर व्यक्तिकी पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।

घर पर नहीं थे बाबा

घटना के समय आवास पर न तो रघुनाथ पांडे थे और न ही उनके छोटे भाई विनोद पांडे। परिजनों ने बताया कि बाबा किसी मीटिंग में व्यस्त थे, जबकि विनोद ड्यूटी पर थे।

फ्लैशबैक : घर में आर्म्स के साथ घुस चुके हैं कमेटी मेंबर

रघुनाथ पांडे के आवास पर एक कमेटी मेंबर व एक कर्मचारी आर्म्स के साथ प्रवेश कर चुके हैं। बाद में दोनों आरोपियों को साकची पुलिस के हवाले कर दिया गया था। रघुनाथ पांडे की ओर से माफ किए जाने के बाद वर्तमान में दोनों आरोपियों को कंपनी प्रबंधन ने दोबारा नौकरी पर रखा है।

कम था इसलिए भड़के

रकम मोटी होती तो एफआईआर नहीं होती और काम भी हो जाता। जिस व्यक्ति ने यह काम किया, उसे पैसा लेकर काम करने की जानकारी होगी, तभी उसने हिम्मत की है।

-प्रदीप बलमुचू, टीडब्ल्यूयू के विरोधी गुट के नेता और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

घटना के वक्त कंपनी में ड्यूटी कर रहा था। मुझे बड़े भाई (रघुनाथ पांडे) ने सूचना दी कि कोई घर में प्रसाद के साथ रुपए देकर भाग गया है। विनोद पांडे, रघुनाथ पांडे के भाई

कुछ नहीं किया : रत्नेश

जब राज बल्लभ सिंह के पुत्र रत्नेश कुमार सिंह के मोबाइल पर संपर्क किया गया तो पहले तो उसने अनभिज्ञता जताई। जब पूरे मामले की जानकारी दी गई तो उसने कहा कि उन लोगों का इससे कोई संबंध नहीं है। किसी ने फंसाने के लिए नाम व पर्सनल नंबर लिख दिया होगा।

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