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16 अक्तूबर 2011

कार्तिक मास में करें व्रत और तप

हिंदू धर्म में व्रत और तप का विशेष महत्व बताया गया है। व्रत और तप करने से सभी पापों का क्षय तो होता ही है साथ ही ईश्वर की अनुकंपा भी प्राप्त होती है। पुराण आदि धर्म शास्त्रों में व्रत व तप की दृष्टि से कार्तिक मास(इस बार 13 अक्टूबर, गुरुवार से 10 नवंबर, गुरुवार तक) का विशेष महत्व बताया गया है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ही जो मनुष्य कार्तिक मास में व्रत व तप करता है वह मोक्ष को प्राप्त होता है।

मासानां कार्तिक: श्रेष्ठो देवानां मधुसूदन।

तीर्थं नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।।

(स्कंद पुराण, वै. खं. कां. मा. 1/14)

स्कंद पुराण में उल्लेखित इस श्लोक के अनुसार भगवान विष्णु एवं विष्णुतीर्थ के समान ही कार्तिक मास भी श्रेष्ठ और दुर्लभ है। एक अन्य श्लोक के अनुसार-

न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगम्।

न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगा समम्।।

अर्थात कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सत्ययुग के समान कोई युग नही, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है।

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