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22 अक्तूबर 2011

तुलसी है एक नहीं अनेक रोगों की दवा

भारत के घर- घर में तुलसी पूजा की जाती है। तुलसी की उत्पत्ति के बारे में कहा गया है कि जब देव तथा दानव समुद्र मंथन कर रहे थे उस समय जो अमृत धरती पर छलका था, उसी से तुलसी पैदा हुई। तुलसी को इसके औषधीय गुणों के कारण ही भारत में इसका पूजन किया जाता है। आज हम बात कर रहे हैं तुलसी के कुछ ऐसे ही औषधीय गुणों के बारे में।

- अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं।

- रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है।

सुबह पानी के साथ तुलसी की 5 पत्तियां निगलने से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों एवं दिमाग की कमजोरी से बचा जा सकता है।

- तुलसी की जड़ का काढा ज्वर नाशक होता है।

- तुलसी अदरक मुलैठी सबको घोटकर शहद के साथ लेने से सर्दी के बुखार में आराम होता है।

- दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।

- तुलसी के बीज खाने से विष का असर नहीं होता।

किसी के पेट में यदि विष चला गया हो तो तुलसी का पत्र जितना पी सके पिये, विष दोष शांत हो जाता है।

- मासिक धर्म के दौरान यदि कमर में दर्द भी हो रहा हो तो एक चम्मच तुलसी का रस लें।

- तुलसी का रस 10 ग्राम चावल के माड़ के साथ पिए सात दिन। प्रदर रोग ठीक होगा। इस दौरान दूध भात ही खाएं।

- तुलसी के बीज पानी में रात को भिगो दें। सुबह मसलकर छानकर मिश्री में मिलाकर पी जाएं। प्रदर रोग ठीक होगा।

- तुलसी की पिसी पत्तियों में एक चम्मच शहद मिलाकर नित्य एक बार पीने से आप निरोगी रहेंगे, गालों में चमक आएगी।

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