ठप हो रहा है पढ़ाई का माहौल: स्कूल की नन्ही छात्राएं रोजाना खाना बनाने को मजबूर हैं और ऐसा न करने पर उन्हें मिड डे मील कर्मचारियों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। स्कूल में पूरी तरह से अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी चरितार्थ हो रही है। स्कूल में इस गड़बड़ घोटाले की और किसी को कोई ध्यान नहीं है। स्कूल स्टाफ की इस अनदेखी का शिकार सिर्फ और सिर्फ विद्यार्थी हो रहे हैं।
कुकिंग गैस की जगह चूल्हे पर पकता है खाना :हरियाणा सरकार द्वारा मिड डे मील राशन तैयार करने के लिए स्कूलों में कुकिंग गैस की सुविधा दी हुई है। परन्तु स्कूल में कहीं भी कुकिंग सिलेंडर दिखाई नहीं दिया। अलबत्ता कर्मचारी सरेआम ईंटों के बनाए गए चूल्हे पर मिड डे मील बनाते हुए दिखाई दिए। मिड डे मील कलिए आए कुकिंग सिलेंडर का स्टाफ कर्मचारियों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। बहरहाल मौजूद स्टाफ सदस्यों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और पूर्ण रूप से चुप्पी साध ली।
स्कूल में चरमराई है सफाई व्यस्था :स्कूल में जिस कमरे में मिड डे मील का सामान रखा हुआ है वहां सफाई व्यवस्था का पूरी तरह से दिवाला पिटा पड़ा है। जिसके चलते आटा व चावल आदि में सरेआम चूहे घूमते हुए नजर आते हैं। कच्ची सामग्री में चूहों का मल मिलना भी आम बात होकर रह गई है। जिसके चलते बच्चों के स्वास्थ्य से सम्बन्धित दिक्कतें कभी भी सामने आ सकती हैं।
स्कूल स्टाफ ने साधी चुप्पी:इस संबंध में जब स्कूल में मौजूद स्टाफ के एक अध्यापिका से बात की गई तो उन्होंने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दीवाली पर तीन-चार दिन की छुट्टियां थी। जिसके चलते सफाई व्यवस्था में कुछ दिक्कतें आई हैं। परन्तु अब सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है। कच्ची सामग्री में चूहों आदि के होने पर उन्होंने कहा कि जमीन में रखी सामग्री में चूहों आदि का होना एक सामान्य बात है। स्कूल की बच्चियों से काम लेने बारे उन्होंने चुप्पी साध ली।
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