लंदन. दुनिया के कई हिस्सों में रविवार आधी रात से लेकर सोमवार तक जन्मे बच्चों को प्रतीक के तौर पर दुनिया का सात अरबवां बच्चा माना जा रहा है। इसमें भारत के साथ-साथ फिलीपींस में भी जन्मी बच्ची शामिल है। इन बच्चों के जन्म का जश्न कई देशों में मनाया जा रहा है।
सोमवार की सुबह 7.20 बजे लखनऊ के बाहरी इलाके में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नरगिस नाम की बच्ची का जन्म हुआ। नरगिस को भारत में सात अरबवां बच्चा माना जा रहा है। यह दावा प्लान इंडिया नाम के एनजीओ की कार्यकारी निदेशक भाग्येश्वरी ने किया है। बेबी नरगिस के माता-पिता विनीता और अजय हैं।
वहीं, फिलीपींस की राजधानी मनीला में बेबी डेनिका मे कमाचो का जन्म आधी रात से ठीक दो मिनट पहले हुआ। डॉक्टरों का कहना है कि कमाचो का जन्म तकनीकी तौर पर रविवार को हुआ है, लेकिन यह आधी रात से इतना करीब है कि इसका जन्म सोमवार माना जा सकता है।
प्रतीकात्मक तौर पर 7- अरबवें बच्चे के रूप में जन्मे नवजातों को दुनिया में कई जगहों पर सम्मानित भी किया जा रहा है। जांबिया में इस मौके पर प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। वहीं, वियतनाम में कॉन्सर्ट आयोजित किया जा रहा है। रूस में सरकारी एजेंसियां इस मौके पर जन्मे बच्चों को उपहार दे रही हैं। जबकि आइवरी कोस्ट में कॉमेडी शो आयोजित किया जा रहा है।
चूंकि, हर सेकेंड दुनिया के किसी न किसी हिस्से में बच्चे जन्म ले रहे हैं। ऐसे में जनसंख्या विशेषज्ञ इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि वह बच्चा निश्चित रूप से कौन है जिसे सात अरबवां बच्चा माना जाए। लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार का दिन सात अरबवें बच्चे के जन्म के लिए तय किया है। इसका मतलब है कि सोमवार को जन्मे बच्चों को सात अरबवां बच्चा माना जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने घोषणा कर दी है कि दुनिया की आबादी सात अरब हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा है कि विश्व की जनसंख्या सन 2100 तक 10 अरब तक पहुंच सकती है। इस दौरान जन्मदर में अनुमान से अलग, जरा भी वृद्धि हुई तो यह 15 अरब तक हो जाएगी।
31 अक्टूबर को सात अरबवें बच्चे के जन्म लेने से पहले जारी 126 पेज की द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन 2011 रिपोर्ट में यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) ने चेताया है कि भविष्य में दुनिया की बढ़ती जनसंख्या गरीबी को कम करना और पर्यावरण की सुरक्षा एक चुनौती होगी।
यूएनएफपीए के कार्यकारी निदेशक बी ऑसोतिमेहिन ने कहा कि विश्व समुदाय को सात अरबवें बच्चे के जन्म के अवसर पर युवाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए निवेश बढ़ाना चाहिए। इस दिशा में अभी उठाया गया कदम भविष्य में स्वास्थ्य, स्थिरता और समृद्धि की स्थिति या असमानता, आर्थिक संकट और पर्यावरण के संकट की स्थिति को निर्धारित करेगा।
सन् 1000 में दुनिया की आबादी करीब 40 करोड़ थी। साल 1800 में आबादी एक अरब हुई। पिछले 40 साल में दुनिया की आबादी 350 करोड़ से करीब 700 करोड़ हो गई है। दुनिया में हर सेकंड पांच बच्चों का जन्म होता है और दो व्यक्ति की मौत होती है।
31 अक्टूबर, 2011 को 350000 बच्चों का जन्म होना है। इनमें करीब 75000 भारत में होंगे। सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में इस तारीख को 46000 और नाइजीरिया में 17000 बच्चे जन्म लेंगे।
देखिए समय के साथ किस रफ्तार से बढ़ती गई आबादी
100 करोड़ - 1804
200 करोड़ - 1927 (123 साल में जनसंख्या १०० करोड़ बढ़ी)
300 करोड़- 1959 (32 साल में जनसंख्या १०० करोड़ बढ़ी)
400 करोड़- 1974 (16 साल में जनसंख्या १०० करोड़ बढ़ी)
500 करोड़- 1987 ( 13 साल में जनसंख्या १०० करोड़ बढ़ी)
600 करोड़- 1999 ( 12 साल में जनसंख्या १०० करोड़ बढ़ी)
700 करोड़- 2011 ( 12 साल में जनसंख्या १०० करोड़ बढ़ी)
: लखनऊ के बाहरी इलाके में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जन्मी बेबी नरगिस)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 अक्टूबर 2011
धरती पर आया सात अरबवां बच्चा: भारत, फिलीपींस सहित कई देशों में जश्न
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