नई दिल्लीः अगले साल मार्च तक देश के नौ करोड़ घरों में टीवी देखने के लिए सेट टॉप बॉक्स लगाना ही होगा। इसे दो बड़ी कंपनियां बेचती हैं और इन्हें लगाने वालों को लगभग हजार रुपए का चूना लग जाएगा। साथ ही केबल का मासिक बिल भी बढ़ जाएगा।
सरकार ने देश में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने की खातिर वर्तमान केबल टीवी की व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके लिए केबल टीवी नेटवर्क्स (रेगुलेशन) ऐक्ट में एक अध्यादेश के जरिये बदलाव को हरी झंडी दिखा दी गई है। गुरुवार को कैबिनेट कमिटी की आर्थिक समिति की बैठक में यह फैसला हुआ है।
देश के चार बड़े महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै में यह पहले लागू होगा। पहले चरण में दस से बारह लाख सेट टॉप बॉक्स लगाए जाएंगे। इन पर 3,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
डिजिटल टेक्नलॉजी के आने से टीवी की क्वालिटी में भारी सुधार होगा और बेहतर पिक्चर दिखेगा। इससे ग्राहकों को ज्यादा चैनल दिख सकेंगे। लेकिन इन सबकी कीमत होगी। पहले तो ग्राहकों को सेटटॉप बॉक्स खरीदना होगा और फिर जहां से वे सेवा लेंगे वहां पहले से ज्यादा पैसे देने होंगे। केबल सेट टॉप बॉक्स देने वाली दो कंपनियों की इस समय बल्ले बल्ले हो रही है। एक है हाथवे और दूसरी है डेन नेटवर्क्स। कल इन दोनों के शेयरों में 10 से 12 प्रतिशत तक का उछाल आया था।
जयपुर, इंदौर, भोपाल, चंडीगढ़, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना, रांची जैसे शहरों में यह 2014 तक अनिवार्य होगा। वहां के लोग तब तक राहत की सांस ले सकते हैं।
देश भर में फैले केबल टीवी इंडस्ट्री के डिजिटलीकरण के लिए केंद्र सरकार कानून ला रही है। इसके लिए एक अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रपति के समक्ष भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि अध्यादेश के प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। सरकार की योजना केबल ऑपरेटरों की मौजूदा तकनीक के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को 2014 तक पूरा कर लेने की है ताकि देश के शहरी क्षेत्रों में केबल टीवी का डिजिटल प्रसारण संभव हो सके। प्रस्तावित कानून के बाद 31 मार्च 2012 तक केबल ऑपरेटरों को मौजूदा एनॉलॉग प्रणाली पर प्रसारण को छोड़कर डिजिटल प्रसारण की प्रक्रिया को अपनाना शुरू करना होगा।
अंबिका सोनी ने कहा कि दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों 31 मार्च 2013 तक डिजिटल प्रसारण अनिवार्य होगा और देश के सभी शहरी क्षेत्रों को 30 सितंबर 2014 तक इसमें शामिल कर लिया जाएगा। 31 दिसंबर 2014 तक समस्त देश में केबल इंडस्ट्री का डिजिटलीकरण अनिवार्य होगा। सोनी के अनुसार, सरकार नया अध्यादेश केबल टीवी कानून की धारा 4ए में संशोधन के जरिए ला रही है ताकि देश में केबल और सैटेलाइट टीवी इंडस्ट्री का विकास हो सके और इसे प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि इससे केबल ऑपरेटरों को भी भारी फायदा होगा और उनकी लागत में भी काफी कमी आएगी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 अक्तूबर 2011
लगेगी हजार रुपये की चपत: टीवी देखना है तो सेटटॉप बॉक्स खरीदना ही होगा
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