जयपुर.आखिर क्यूँ संसार के रचनाकार भगवान ब्रह्मा को माता सरस्वती ने ऐसा श्राप दिया कि देवता स्वरुप कभी भी उनकी उपासना नहीं होगी. यही वह स्थान है जहाँ पर भगवान विष्णु को श्राप मिला था कि उन्हें अपनी पत्नी से विरह का कष्ट झेलना पड़ेगा. पुष्कर ही वह स्थान है जहां ये सारी घटनाएं एक साथ घटी थीं.
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 अक्तूबर 2011
यहीं घटी थी 'ब्रह्मा' और 'विष्णु' के जीवन की सबसे घातक घटनाएं!
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