हस्ताक्षर नहीं होने से 4 अक्टूबर को होने वाले उद्घाटन समारोह में आने वाले कलाकारों का अनुबंध भी खटाई में पड़ गया है। अनुबंध नहीं होने पर मेले में बुलाए जा रहे कलाकारों के भुगतान में दिक्कत आएगी।
मेला आयोजन के कार्यक्रमों अपनी उपेक्षा से महापौर पहले ही खफा है इस पर उनकी सहमति लिए बिना ही आयोजनों को अंतिम रूप देकर कार्यो के ऑर्डर जारी कर दिए गए। अब नियमानुसार अनुबंधों को महापौर के हस्ताक्षरों के लिए भिजवाया गया है। महापौर ने गड़बड़ियों की आशंका से हस्ताक्षर करने से इंकार दिया है। क्रय नियम 14(2) के अनुसार अनुबंध पर सीईओ के साथ ही महापौर के हस्ताक्षर भी जरूरी हैं।
महापौर का कहना है कि जब कार्यक्रम तय करते समय उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई तो सीईओ सरकार की ओर से मिले 75 लाख के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार का उपयोग करके इन अनुबंधों पर हस्ताक्षर कर ले। महापौर के हस्ताक्षर नहीं करने से निगम में मेले से संबंधित ज्यादातर फाइलें अटक गई हैं। उधर, स्थानीय निकाय निदेशक ताराचंद मीणा ने इस विवाद का कार्यक्रमों पर असर नहीं होने की बात कही है।
डीएलबी को दे दी सूचना
क्रय नियम 14 (2) के अनुसार अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का अधिकारी महापौर व सीईओ को ही है। इससे संबंधित कई फाइलें महापौर को भेजी गई हैं, जिन पर उनके हस्ताक्षर नहीं हुए। नियमों का उल्लंघन कैसे किया जा सकता है।
-दिनेश जैन, सीईओ
सरकार ने की है व्यवस्था
सरकार ने सीईओ के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार बढ़ाए हैं, इसलिए वे इनका उपयोग कर रहे हैं, निर्णय भी वे ही लेते हैं, इसलिए उनको ही समस्या बताई जानी चाहिए। अनुबंध पर हस्ताक्षर का सवाल है, तो निर्णय मैंने नहीं किए, फिर मैं क्यों उन पर हस्ताक्षर करूं।
-डॉ. रत्ना जैन, महापौर
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