वॉशिंगटन. पाकिस्तान से सटी सीमा के नजदीक आतंकवादियों से लोहा ले रहे अमेरिकी और अफगानिस्तानी सैनिकों पर पाकिस्तानी जमीन से रॉकेट हमले जारी हैं। छह महीने से जारी इस स्थिति के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और तल्ख होने की आशंका है।
हाल में जारी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर स्थित एक अफगानी प्रांत में अमेरिकी सैनिकों के अड्डों पर बीते मई से अब तक कम से कम 55 बार पाकिस्तान की ओर से रॉकेट दागे गए हैं।
गौरतलब है कि मई में अमेरिकी नेवी सील के कमांडो ने पाकिस्तान में छिपे ओसामा बिन लादेन को मार गिराया गया था। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट आई। इस घटना के बाद से अफगानिस्तान सीमा पर गोलीबारी की घटना बढ़ी जिससे सीमाओं पर तैनात अमेरिकी सैनिकों की हताशा और गुस्सा बढ़ गया है। शायद यही वजह है कि अमेरिकी सेना से हाल में रिटायर हुए एडमिरल माइक मुलेन ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।
हालांकि अफगान-पाकिस्तान सीमा पर तैनात अमेरिकी अफसर इन हमलों का ब्यौरा देते समय बेहद मुश्किल हालात में होते हैं। कई तो सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने से बचने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे अफसर भी हैं जो पाकिस्तानी हुक्मरान के दावों को खारिज करते हुए कहते हैं कि पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसियां इस तरह के हमलों में शामिल होती हैं। एक अफसर ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा, ‘सीमा पार से होने वाली कार्रवाई से ऐसा लगता है कि ये बेहद तैयारी के साथ नियंत्रित तरीके से की जा रही है।’
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में सोमवार को कहा कि पाकिस्तान में शरण लिए आतंकवादी गुटों से उसे ही गंभीर खतरा है और अमेरिका इन चुनौतियों का सामना करने के लिए उसके साथ मिलकर काम करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस तरह के सुरक्षित पनाहगाह समस्या पैदा कर रहे हैं। यह वाकई बेहद चिंता का विषय है और अमेरिका व पाकिस्तान दोनों के लिए यह खतरनाक है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अक्टूबर 2011
पाकिस्तानी सीमा से अमेरिकी सैनिकों पर लगातार रॉकेट हमलों से भड़का अमेरिका
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)