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25 अक्तूबर 2011

भारत के हेलीपैड्स की जानकारी पाकिस्‍तान के पास, 'चीता' से चुराए अहम आंकड़े?


नई दिल्‍ली. रविवार को पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर (पीओके) में भारतीय सेना को जो हेलीकॉप्‍टर गलती से चला गया था, उससे पाकिस्‍तान ने अहम आंकड़े चुरा लिए हैं। बताया जा रहा है कि ये आंकड़े भारतीय सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं। भारतीय चीता हेलीकॉप्‍टर से पाकिस्‍तान ने जीपीएस डाउनलोड कर लिया। इसमें हेलीकॉप्‍टर से भारत के तमाम हेलीपैड के संपर्कों का ब्‍यौरा था। सरकार के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों के मुताबिक हेलीकॉप्‍टर के जीपीएस का डाटा गायब पाया गया है। इसमें चौदहवीं कोर के क्षेत्र में आने वाले सेना के सभी हेलीपैड का कोड नाम और कूट संकेत भी दर्ज था।

लेकिन रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू ने पाकिस्तानी इलाके में उतरे चीता हेलीकॉप्टर से पाकिस्तान द्वारा संवेदनशील डेटा चुराए जाने के मुद्दे पर कहा है कि सुरक्षा के नजरिए से चिंता की कोई बात नहीं है। राजू ने कहा कि हेलीकॉप्टर में कोई भी संवेदनशील डेटा नहीं था।
एक अंग्रेजी अखबार ने भारतीय हेलीकॉप्टर से डेटा चुराने की जानकारी देते हुए दावा किया है कि वरिष्‍ठ अधिकारियों के मुताबिक चीता हेलीकॉप्‍टर के चालक दल से पूछताछ की जा रही है। हेलीकॉप्‍टर में जीपीएस लगा था। ऐसे में इस बात की आशंका न के बराबर है कि वह रास्‍ता भटक जाए और पीओके पहुंच जाए। शर्मनाक तो यह है कि चीता एलओसी के पार मैरोल इलाके में जिस हेलीपैड (पाकिस्‍तान आर्टिलरी हेलीपैड नंबर 90) पर उतरा, वह कारगिल सेक्‍टर से सटा है। इसके बावजूद भारतीय सेना को उसकी जानकारी नहीं थी। लेह स्थित चौदहवीं कोर, नेमु कारगिल-लेह, सियाचिन ग्‍लेशियर और तिब्‍बत से लगी वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा के लिए जवाबदेह है। एक वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक चौदहवीं कोर के सभी हेलीपैड की जानकारी अब पाकिस्‍तान को हो गई है।

शुरुआती जांच से यह भी पता चलता है कि पाकिस्‍तान का हेलीकॉप्‍टर को जबरन उतरने के लिए मजबूर करने का दावा भी गलत है। न तो भारतीय चालक दल को पता था कि उन्‍होंने हेलीकॉप्‍टर कहां उतारा है और न ही पाकिस्‍तान को इसकी भनक लगी थी। सूत्रों के मुताबिक चौदहवीं कोर के कमांडर ले. ज. रवि दस्‍ताने रविवार की सुबह कारगिल के पास दौरे पर जाने के लिए निकले थे। उनके एडवांस्‍ड लाइट हेलीकॉप्‍टर (एएलएच) में कोई तकनीकी खराबी आ गई और उसे उतारना पड़ा। दस्‍ताने को दूसरे हेलीकॉप्‍टर से श्रीनगर ले जाया गया। एएलएच को ठीक करने के लिए मेंटेनेंस इंजीनियर को लेकर चीता ने उड़ान भरी। इसी बीच, खराब मौसम के चलते चीता को कहीं और उतरना पड़ा। बाद में पता चला कि वह कारगिल के पास का ही हेलीपैड था, जो पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले इलाके में पड़ता है।

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