आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी खनन नीति की मंजूरी वाली केबिनेट बैठक की जानकारी
जयपुर। सूचना के अधिकार का मखौल राज्य सरकार के विभाग ही किस तरह से उड़ाते है इसका नजारा खान विभाग की ओर से जारी एक पत्र के जवाब से जाहिर है। खनन नीति के संबंध केबिनेट कार्यवाही देने के मामले में खान विभाग ने कार्यवाही की जानकारी देने से ही इनकार कर दिया है।
वैसे खनन नीति और उसका एजेंडा पहले ही सार्वजनिक हो चुका है। खनन नीति भी राज्य में लागू हो चुकी है। विभाग ने सूचना देने की निर्धारित एक माह की अवधि बीत जाने के बाद भी निर्धारित शुल्क की मांग कर दी है। कार्यालय टिप्पणी के 50 पृष्ठ देने के लिए 100 रुपए की मांग की गई।
सूचना के अधिकार अधिनियम में केबिनेट बैठक के बारे में भी जानकारी मांगने और देने का प्रावधान है। इसके लिए उसी प्रक्रिया से आवेदन किया जा सकता है, जैसे सामान्य जानकारी के लिए किया जाता है।
क्या प्रावधान : सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 8 (झ) में प्रावधान है कि केबिनेट की बैठक और अन्य संबंधित जानकारी दी जा सकती है। इसमें बैठक के दौरान किए गए विचार विमर्श, निर्णय और अन्य कार्यवाही की जानकारी दी जा सकती है।
क्या है मामला : आरटीआई कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह ने 19 अगस्त,11 को आवेदन कर खनन नीति को बनाने से लेकर अंत तक की कार्यालय टिप्पणी की प्रति, पत्रावली और अन्य दस्तावेजों के साथ केबिनेट नोट की फाइल की प्रति मांगी थी। आवेदन में यह भी आग्रह किया गया था कि अगर ये जानकारियां उनके विभाग से संबंधित न हो तो अन्य विभाग को स्थानांतरित कर दी जाए।
आगे क्या : खान विभाग की ओर से जानकारी देने के इनकार करने के बाद अधिनियम की धार 19(1) के तहत अब प्रथम अपील अधिकारी को अपील की गई है। इस अपील में केबिनेट बैठक की कार्यवाही और टिप्पणी की प्रति निशुल्क दिलाने का आग्रह किया गया है।
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