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21 अक्तूबर 2011

वो तो मृत शिशु को लेकर चल दिए थे कि अचानक खिल उठे मुर्झाए चेहरे

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बूंदी.जिला अस्पताल में शिशु वार्ड के फेसिलिटी बेस न्यूनेटल केयर सेंटर (एफबीएनसी) में शुक्रवार सुबह एक मृत शिशु दूसरे शिशु के परिजनों को उनका बता कर थमा दिया। सच्चाई का पता चलने पर हड़कंप मच गया।

मृत शिशु को अपना समझ कर अंतिम संस्कार के लिए रवाना हो चुके लोगों को रोक उन्हें उनका बच्चा थमाया गया। इस मामले में आक्रोशित दोनों ही शिशुओं के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया।

विजयगढ़ निवासी देवकन्या पत्नी सोनू रैगर व चापरस निवासी कमलेश पत्नी सुरेश मेघवाल ने 19 अक्टूबर को शिशुओं (पुत्र) को जन्म दिया था।

देवकन्या के शिशु को कमजोर होने व कमलेश के शिशु को सांस लेने में तकलीफ होने से एफबीएनसी में भर्ती कराया। कमलेश के पुत्र की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। नर्सिग स्टाफ ने इसकी सूचना कमलेश के परिजनों को दी।

इसी बीच देवकन्या के परिजन एफबीएनसी में अपने शिशु को देखने पहुंचे तो वहां उन्हें कमलेश के परिजन मान कर शिशु की मौत की जानकारी देकर शव सौंप दिया गया। इस पर वे शोकमग्न होकर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए रवाना हो गए।

थोड़ी ही देर बाद कमलेश के परिजन भी अपना मृत शिशु लेने पहुंचे तो उन्हें बताया कि उसे अभी-अभी कोई लेकर गया है। कमलेश के परिजन व नर्सिगकर्मी बाहर आए। मृत शिशु को ले जा रहे देवकन्या के परिजनों को रोक सच्चाई बताई। इससे एकदम तो उनके मुर्झाए चेहरे खिल गए।


बाद में दोनों ही ओर के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। बाद में कमलेश के परिजन उसे छुट्टी दिलाकर व मृत शिशु को लेकर रवाना हो गए।

स्टाफ ने दिया गलत बच्चा

देवकन्या की मां कल्लीबाई व उसकी सास कन्या ने बताया कि सुबह दस बजे वार्ड में महिला कर्मचारी आई थी। उसने पलंग पर आकर शिशु के मृत होने की बात कही। इस पर परिजन बच्चों के आईसीयू में गए। वहां भी नर्सिग कर्मचारियों ने उन्हें मृत बच्चा दे दिया। काफी देर बाद उन्हें पता चला कि उनका बच्चा तो जिंदा है।

"शिशु की मौत के बाद यशोदा को वार्ड में भेजकर परिजनों को बुलाने भेजा था, लेकिन दूसरे बच्चे के परिजन आ गए और मृत बच्चे को लेकर चले गए। यह बात पता चलने पर मृत शिशु उसके परिजनों को सौंप दिया गया। इसमें गलती परिजनों की ही है। वैसे मृत बच्चा देने से पहले सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं।"

डॉ. केसी गगरानी, शिशु रोग विशेषज्ञ सामान्य अस्पताल

"मृत शिशु ले जाने के मामले में गलती देवकन्या के परिजनों की रही है। देवकन्या व कमलेश वार्ड में पास-पास ही भर्ती हैं। उनके शिशु भी एफबीएनसी में पास-पास भर्ती रहे। सुबह जब कमलेश के शिशु की मौत हुई तो यशोदा उसके ही परिजनों को बुलाने गई थी, लेकिन देवकन्या के परिजन वहां आ गए और स्टाफ से बच्चा लेकर चले गए। बाद में पता लगने पर बच्चा वापस कमलेश के परिजनों को दिया गया।"

मधुसूदन शर्मा, पीएमओ, सामान्य अस्पताल बूंदी

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