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15 अक्तूबर 2011

हैप्पी बर्थडे हेमा जी: आज भी बरकरार है ड्रीम गर्ल का जादू

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मुंबई. अपनी दिलकश अदाओं से सिने प्रेमियों को चार दशक तक दीवाना बनाये रखने वाली ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी से उनके कैरियर के शुरुआती दिनों में एक निर्माता निर्देशक ने कह दिया था कि उनके पास ‘स्टार अपील’ ही नहीं है। उसके बाद इन्हीं निर्देशक ने हेमामालिनी की लोकप्रियता को भुनाने के लिए हेमा मालिनी को लेकर फिल्म बनाई। हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के आमानकुंडी में हुआ था। उनकी माता जया चक्रवर्ती फिल्म निर्माता थी।


घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण हेमा मालिनी का झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया। हेमा मालिनी ने प्रारंभिक शिक्षा मद्रास (चेन्नई) में प्राप्त की। वर्ष 1961 में उन्हें एक लघु नाटक ‘पांडव वनवासम‘ में बतौर नर्तकी काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1964 में बतौर अभिनेत्री काम पाने के लिये उन्होंने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से इंकार कर दिया।


उन्होंने कहा कि उनके पास कोई स्टार अपील नहीं है। इन्हीं श्रीधर ने सत्तर के दशक में हेमा मालिनी की लोकप्रियता को भुनाने के लिये वर्ष 1973 में गहरी चाल का निर्माण किया। वर्ष 1968 तक हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करती रही। उसके बाद हेमा मालिनी के सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ और उन्हें महान अभिनेता राजकपूर के साथ फिल्म ‘सपनो का सौदागर’ में बतौर अभिनेत्री काम करने का अवसर मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल के रूप में प्रचारित किया गया।


दुर्भाग्यवश फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद कर लिया। हेमा मालिनी को अपनी पहली सफलता वर्ष 1970 में प्रदíशत फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ से हासिल हुई। फिल्म में उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में हेमा मालिनी और देवानंद की जोड़ी को सिने दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। 1975 में प्रदíशत फिल्म ‘शोले’ में धर्मेन्द्र ने वीरू और हेमामालिनी ने बसंती की अल्हड़ जोडी के रूप में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।


हेमा मालिनी और धमेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि धर्मेन्द्र की रियल लाइफ की ‘ड्रीम गर्ल’ हेमामालिनी उनके वास्तविक जीवन की ड्रीम गर्ल बन गईं। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाज सेवा के लिए राजनीति में भी भूमिका निभायी और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा में सदस्य बनी।


हेमा मालिनी को फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड और वर्ष 2003 में जी सिने का लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड दिया गया। फिल्म क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये वह वर्ष 2000 में पदमश्री सम्मान से भी समानित की गयी।

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