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23 अक्टूबर 2011

गद्दाफी की मौत का बदला लेगा बेटा, तानाशाह की हत्‍या पर भड़का श्रीलंका


मिसराता. लीबिया के सैन्य तानाशाह कर्नल मुअम्मार गद्दाफी की हत्‍या को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। श्रीलंका ने लीबिया के पूर्व शासक मुअम्‍मर गद्दाफी की हत्‍या की निंदा करते हुए सैन्‍य तानाशाह की मौत को लेकर उठ रहे सवालों का हल ढूंढने के लिए पूरे मामले की जांच किए जाने की मांग की है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय की ओर से कड़े शब्‍दों में जारी बयान में कहा है कि श्रीलंका की सरकार गद्दाफी की मौत से जुड़े हालात पर सफाई चाहती है। गौरतलब है कि गद्दाफी की श्रीलंका से पुरानी दोस्‍ती रही है।

इस बीच गद्दाफी के एक बेटे सैफ अल इस्‍लाम ने अपने पिता की मौत का बदला लेने की चेतावनी दी है। शनिवार की रात सीरिया स्थित अलराई टीवी पर प्रकट हुए इस्‍लाम ने अपने समर्थकों से एकजुट होने की अपील की। गद्दाफी के बेटे ने कहा कि वो अभी जिंदा है और लीबिया में रह रहा है। इस्‍लाम ने एनटीसी के लड़ाकों के खिलाफ जंग का ऐलान किया है।

गद्दाफी का शव उसके परिजनों को सौंपा जा सकता है। कई तरह की अटकलबाजियों के बीच शव का पोस्टमॉर्टम आज कर दिया गया। 'रॉयटर्स' न्‍यूज एजेंसी ने पोस्‍टमार्टम करने वालों में शामिल सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि गद्दाफी के शव का पोस्‍टमार्टम कर दिया गया है। पोस्‍टमार्टम करने वाले डॉक्‍टरों में से एक ने बताया कि गद्दाफी की मौत गोली लगने से हुई है। हालांकि इससे पहले मिसराता के सैन्य कमांडर ने ऐलान किया कि गद्दाफी के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। सैन्य कमांडर फाती अल बशागा ने कहा, गद्दाफी का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। बीते गुरुवार को सिरते में मारे गए 69 साल के गद्दाफी का शव मिसराता में एक पुराने मीट स्‍टोर में रखा हुआ है।

लीबिया की नेशनल ट्रांजिसनल कौंसिल ने घोषणा की है कि गद्दाफी के शव को उसके परिवारवालों को सौंपा जा सकता है। गद्दाफी के शव को अब भी मिसराता में रखा गया है। उसके बेटे का शव भी वहीं रखा गया है। गद्दाफी के शव को दफनाने की जगह को लेकर भी अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। पूर्व तानाशाह के शव को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। लीबिया की अंतरिम सरकार आज लीबिया को औपचारिक तौर पर आजाद घोषित करने वाली है।

ऐसी खबरें आ रही हैं कि सिरते में जिस वक्‍त एनटीसी के लड़ाकों ने गद्दाफी को पकड़ा, उस वक्‍त सैन्‍य तानाशाह ने लड़ाकों को जान बख्‍शने के एवज में काफी मात्रा में धन-दौलत देने का वादा किया। हमाद मुफ्ती अली नाम के 28 साल के एक लड़ाके ने बताया कि गद्दाफी अपनी जान के एवज में कुछ भी देने के लिए तैयार था। उसने कहा कि उसके पास काफी सोने और धन दौलत है।

गद्दाफी के खात्‍मे के तरीके को लेकर जांच किए जाने की अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर मांगों के बीच यह खुलासा सामने आया है। एनटीसी के सूत्रों ने बताया कि गद्दाफी को 17 साल के एक लड़ाके ने तानाशाह की ही सोने की रिवॉल्‍वर से गोली मार दी थी। कर्नल गद्दाफी के पकड़े जाने की खबर सुनकर उसकी बेटी आयशा ने भी फोन किया था। गद्दाफी के सैटेलाइट फोन को एक विद्रोही लड़ाके ने उठाया और कहा कि अबु शफशुफा मारा जा चुका है। अबु शैफ शुफा गद्दाफी का अरबी में निकनेम है। आयशा, उसकी मां और उसके दो भाई बीते अगस्‍त में अल्‍जीरिया चले गए थे।

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