जबलपुर।गन कैरिज फैक्टरी में देश की सबसे बड़ी तोप बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस तोप का प्रोटोटाइप भी एक साल के भीतर तैयार कर लिया जायेगा। 155 एमएम की इस तोप के प्रोटोटाइप के काम के लिए कुल 18 माह का समय दिया गया है।
देश में अभी तक 130 एमएम की तोपें ही तैयार होती थीं और पहली बार सबसे बड़ी तोपें बनाने की तैयारी प्रारम्भ की जा रही है। इस नई तोप को न केवल आधुनिक मापदंडों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, बल्कि उसमें उन तकनीकी पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है, जिनकी आज के समय में जरूरत है।
अपग्रेडेशन
इजराइल की कम्पनी के साथ मिलकर 130 एमएम की तोप को अपग्रेड कर सोल्टम गन बनाने का काम भी जीसीएफ द्वारा किया गया था। उस समय यह उम्मीद की जा रही थी कि नई सोल्टम गन का निर्माण किया जायेगा, लेकिन यह प्रोजेक्ट भी आगे नहीं बढ़ सका। इसके बाद ही से नई तोप के निर्माण की तैयारी पर विचार शुरू हो गया था।
अलग प्रोजेक्ट सेल
नई तोप के लिए अलग से प्रोजेक्ट सेल बना दिया गया है। इस सेल में चार अधिकारियों को भी पदस्थ कर दिया गया है। ये अधिकारी अब केवल नई तोप के निर्माण के कार्य को अंजाम देने में लगे हैं। इस नई तोप का प्रोटोटाइप तैयार होने के बाद उसे हर परिस्थिति में काम करने लायक सिद्ध करने के लिए उसका परीक्षण किया जायेगा।
तोप निर्माण के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड ने पैसे की कमी नहीं आने देने का भी निर्णय लिया है। अभी तक अनेक विदेशी तोपों को खरीदने के लिये बातचीत की गई थी और विदेशी तोपों को जांचने का काम भी किया गया था, बाद में विदेशी तोपों को तरजीह देने के बदले बड़ी तोपों को खुद ही विकसित करने पर जोर दिया गया।
नई 155 एमएम की तोप को हाइटेक बनाने के लिए कई नये सिस्टम भी लगाये जायेंगे। तोप के निर्माण से जीसीएफ को आने वाले दस सालों में काम की कमी नहीं होगी। -एसपी यादव, जीएम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)